लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के 'एनुअल लीगल कॉन्क्लेव' में उन्होंने दावा किया कि देश में चुनाव आयोग नाम की कोई संस्था अब बची ही नहीं है. उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं.
ADVERTISEMENT
'चुनावी प्रक्रिया पर 2014 से ही शक'
गांधी ने कहा, "मैं हाल के चुनावी सिस्टम के बारे में बोल रहा हूं. मुझे हमेशा से शक था कि इसमें कुछ गड़बड़ है, 2014 से ही, मुझे गुजरात विधानसभा चुनाव में भी शक था." उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक पार्टी की 'लैंडस्लाइड' जीत का ट्रेंड संदेह पैदा करता है.
उन्होंने कहा, "राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलना मेरे लिए हैरान करने वाला था. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हम जीते, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा चुनाव में हम पूरी तरह हार गए. इसके साथ 3 मजबूत पार्टियां भी अचानक गायब हो गई. यह सामान्य नहीं है".
'1.5 लाख फर्जी वोटर मिले'
राहुल ने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का दावा किया. उन्होंने कहा कि एक लोकसभा क्षेत्र की जांच में 6.5 लाख मतदाताओं में से 1.5 लाख फर्जी पाए गए. उन्होंने आरोप लगाया कि "चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल प्रति क्यों नहीं देता? जो दस्तावेज देता है, उन्हें स्कैन नहीं किया जा सकता. यह संदेह पैदा करता है,"
"अगर भाजपा को 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो वह PM नहीं होते"
राहुल गांधी ने दावा किया कि लोकसभा चुनावों में धांधली हुई थी और उनके पास इसे साबित करने के लिए डेटा है. राहुल गांधी ने कहा, "अगर भाजपा को 15-20 सीटें कम मिलतीं, तो नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री नहीं होते. भारत में चुनाव आयोग मर चुका है," इसके साथ ही राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाताओं के जुड़ने का दावा किया, जिनमें से ज्यादातर वोट कथित तौर पर भाजपा को मिले.
'चुनाव अधिकारियों को नहीं छोड़ेंगे'
राहुल गांधी ने एक दिन पहले संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था, "चुनाव आयोग वोट चोरी कर रहा है और यह काम वह भाजपा के लिए कर रहा है. यह देश के खिलाफ राजद्रोह है. चाहे कोई रिटायर हो या सक्रिय, हम ऐसे लोगों को ढूंढ निकालेंगे."
आरोप निराधार': चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. आयोग ने उनके दावों को 'निराधार और गैर-जिम्मेदाराना' करार देते हुए कहा कि वह ऐसे बयानों पर ध्यान नहीं देता. आयोग ने अपने बयान में कहा. "जब हम राहुल गांधी को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए बुलाते हैं, तो वह नहीं आते. अब वह हमारे कर्मचारियों को धमकाने लगे हैं. हम निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं,"
ADVERTISEMENT