इमरान प्रतापगढ़ी को गिरफ्तार कर रही थी गुजरात पुलिस, सुप्रीम कोर्ट ने ये कहकर बचा लिया!

नए साल की शुरूआत में इमरान प्रतापगढ़ी ने गुजरात दौरे से की. कोई चुनाव नहीं हो रहा था. 2 जनवरी को उन्होंने सोशल मीडिया पर 46 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया. बैकग्राउंड में एक गाना बजा उसी पर एफआईआर हो गई.

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रूपक प्रियदर्शी

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Imran Pratapgarhi: इमरान प्रतापगढ़ सोशल मीडिया के वायरल स्टार हैं. शायरी करते हुए राजनीति में आए. राहुल गांधी तक पहुंचे. कांग्रेस ने पार्टी का मुसलमान फेस बनाते हुए अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष पद सौंप दिया. अब इमरान कांग्रेस के परमानेंट स्टार प्रचारक हैं. जहां-जहां कांग्रेस चुनाव लड़ रही होती है वहां इमरान प्रतापगढ़ी का प्रचार करना जरूरी होता है. यूपी से महाराष्ट्र तक शानदार भाषण सुनने खूब भीड़ जुटती है. 

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SC ने इमरान की गिरफ्तारी पर लगाई रोक!

इमरान प्रतापगढ़ी की शायरी में सियासत होती है जो विरोधियों को चुभती है. कांग्रेस विरोधियों के निशाने पर रहते हैं. ऐसे एक केस में फंसने के बाद मिली है सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत. उन्हें घेरने के लिए जिस एफआईआर का जो चक्रव्यूह रचा गया था वो पंचर हो गया. इमरान प्रतापगढ़ी पर लगे आरोप सही हैं या गलत? इसका फैसला तो सुप्रीम कोर्ट ने नहीं किया है लेकिन गुजरात के जामनगर में दर्ज एफआईआर में आगे कोई भी कार्रवाई करने पर रोक दिया है. फिलहाल इमरान प्रतापगढ़ी की गिरफ्तारी भी नहीं होगी. गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता किशनभाई दीपकभाई नंदा को नोटिस जारी किया. 

गुजरात दौरे पर हुई थी FIR

नए साल की शुरूआत में इमरान प्रतापगढ़ी ने गुजरात दौरे से की. कोई चुनाव नहीं हो रहा था. जामनगर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में बुलाया गया था. 2 जनवरी को उन्होंने सोशल मीडिया पर 46 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में प्रतापगढ़ी का स्वागत फूलों से हो रहा है. बैकग्राउंड में एक गाना बजा उसी पर एफआईआर हो गई. जामनगर के किशनभाई नंदा ने शिकायत की कि धार्मिक भावनाएं भड़काने, सांप्रदायिक विवाद पैदा करने, राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाया गया. 3 जनवरी को इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ ऐसी-ऐसी धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई जिसमें दोषी साबित हुए तो 5 से 7 साल की सजा हो सकती है. 

इमरान ने की थी अपील

इमरान प्रतापगढ़ी ने केस के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में अपील कर दी. कहा कि वो तो प्रेम और अंहिसा का मैसेज दे रहे थे. एफआईआर  परेशान करने के टूल की तरह किया गया है जिसका इरादा दुर्भावनापूर्ण और गलत है. प्रतापगढ़ी की दलील जस्टिस संदीप भट्ट की बेंच ने नहीं सुनी. इस आधार पर केस खारिज नहीं किया कि जांच शुरूआती दौर में है. सांसद हैं इसलिए जिम्मेदारी से कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. गुजरात पुलिस ने इमरान प्रतापगढ़ी को 11 जनवरी को पेश होने का नोटिस दिया हुआ है.

कोर्ट ने क्या कहा?

इमरान प्रतापगढ़ी ने कपिल सिब्बल को वकील बनाया. अपनी फरियाद लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. जस्टिस अभय ओक और जस्टिस उज्जवल भुयान की बेंच में कपिल सिब्बल ने प्रतापगढ़ी की याचिका रखी. लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक कपिल सिब्बल ने गुजरात हाईकोर्ट के फटाफट आदेश पर सवाल उठा दिए. कहा कि हम कहां पहुंच रहे हैं और कहां जा रहे हैं? हाईकोर्ट ने आदेश पहले दिन ही बिना किसी नोटिस के पारित कर दिया. बेंच से मामले को विस्तार से तो नहीं सुना. जस्टिस अभय ओक ने कहा कि हमने भी कविता सुनी है. इतना कहते हुए उन्हें प्रतापगढ़ी के खिलाफ किसी भी पुलिस एक्शन पर रोक लगा दी.

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