लोकसभा चुनाव में रोहिणी, बांसुरी, यशस्विनी और श्रेया इन चार बेटियों पर है सबकी नजरें, आप भी जानिए 

रोहिणी आचार्य बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं. रोहिणी आचार्य तब शूरखियों में आई थीं जब उन्होंने अपने पिता को किडनी दान दे दिया था.

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न्यूज तक डेस्क

19 May 2024 (अपडेटेड: 19 May 2024, 11:35 AM)

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Lok Sabha Election: देश भर  में चुनाव का माहौल अपने  चरम पर है. 7 चरणों के इस चुनावी खेल में 4 चरणों का मतदान हो चुका है. पांचवें चरण के लिए वोटिंग 20 मई को होगा. नतीजे 4 जून को आएंगे. पांचवें चरण में कई प्रमुख नेताओं की बेटियां अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए चुनावी मैदान में हैं. चार प्रमुख बेटियां – रोहिणी आचार्य, बांसुरी स्वराज, यशस्विनी सहाय और श्रेया वर्मा की उम्मीदवारी से यह स्पष्ट होता है कि वे अपनी शिक्षा और क्षमता से अपने पिता से भी आगे बढ़ने का हौसला रखती हैं. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में. 

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पिता की विरासत पर कब्जे के लिए रोहिणी आचार्य मैदान में 

रोहिणी आचार्य बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी हैं. रोहिणी आचार्य तब शूरखियों में आई थीं जब उन्होंने अपने पिता को किडनी दान दे दिया था. रोहिणी की शिक्षा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, जमशेदपुर से हुई है. वो लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. सारण वही सीट है जहां से लालू यादव तीन बार जीत कर संसद पहुंच चुके हैं. हालांकि पिछले चुनावों में बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी ने यहां से जीत दर्ज की है. अब उनका मुकाबला करने और अपने पिता को विरासत पर कब्जे के लिए रोहिणी आचार्य मैदान में हैं. सारण सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से है.  सारण की सीट से जीतना रोहिणी के लिए नाक का सवाल बन चुका हैं.

बांसुरी स्वराज: कानूनी पेशे से राजनीति में इंट्री 

बीजेपी की प्रमुख नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज भी इस बार अपनी किस्मत आजमा रही हैं. वो नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार है. उनके पास यूके के वारविक विश्वविद्यालय और बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की डिग्री है. बांसुरी का मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से हैं. अब देखना ये होगा कि, क्या बांसुरी चुनाव जीतकर अपनी मां की तरह सियासत के पटल पर अपना नाम बना पाती है या नहीं. 

यशस्विनी सहाय: सामाजिक न्याय की वकील

कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय रांची से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. यूनाइटेड नेशंस क्राइम एंड जस्टिस रिसर्च इंस्टीट्यूट टुरिन इटली से लॉ में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद वे मुंबई फैमिली कोर्ट और सेशन कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं. यशस्विनी का मुकाबला रांची से वर्तमान सांसद संजय सेठ से है. 

श्रेया वर्मा गोंडा से हैं उम्मीदवार 

श्रेया वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की पोती हैं. वो गोंडा लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हैं. श्रेया अपने दादा जी की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में उतरीं हैं. श्रेया वर्मा ने  दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट  किया हुआ हैं. 

ये चारों बेटियां न केवल अपने पारिवारिक विरासत को संभालने के लिए तैयार हैं, बल्कि अपनी शिक्षा और नेतृत्व क्षमता से सियासत में नया आयाम जोड़ने के लिए चुनावी मैदान में हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि, क्या ये चुनाव में सफल होकर देश की संसद में अपना परचम लहरा पाती है या इन्हें सियासत की पिच पर अपना मुकाम हासिल करने में अभी और समय लगेगा. 4 जून को आने वाले नतीजों में ये साफ हो जाएगा. 

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