NEET मामले में CJI ने कहा, 'परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा' 

NEET UG Controversy: मामले पर सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकीलों से पूछा की दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए? इस बात पर अपनी दलीलें पेश कीजिए.

NewsTak

अभिषेक

08 Jul 2024 (अपडेटेड: 08 Jul 2024, 04:49 PM)

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NEET UG Controversy: NEET UG मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. बेंच में दो और न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा थे. आज कोर्ट में कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई हुई है. इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई है. सुनवाई के दौरान CJI ने फिर से परीक्षा कराने से लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने NTA, केंद्र और CBI को बुधवार, 10 जुलाई शाम 5 बजे तक अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इस मामने की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

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मामले पर सुनवाई के दौरान CJI ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकीलों से पूछा की दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए? इस बात पर अपनी दलीलें पेश कीजिए. इसके साथ ही केंद्र से तारीखों की पूरी सूची भी मांगी. 

CJI ने पेपर लीक पर क्या-क्या कहा?

CJI ने कहा कि,  यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है. सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं. यह 23 लाख छात्रों की चिंता है जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है. इसमें खर्चा भी हुआ है. CJI ने कहा कि, यह प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि हम जो भी निर्णय लेंगे, वह छात्रों के जीवन को प्रभावित करेगा. 

CJI ने कहा यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना ही होगा. यदि लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में 'रेड फ्लैग' की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है.

री-NEET पर केंद्र सरकार ने क्या कहा?

केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट के सामने री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है. शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर अपना पक्ष रखा है. शिक्षा मंत्रालय ने अपने हलफनामे में NEET एग्जाम को रद्द की मांग का विरोध किया है. हलफनामे में कहा है कि, कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए. अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है. अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा. पेपर लीक मामले में CBI जांच कर रही है.

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