Shesh Bharat: कर्नाटक में CM बदलेगा या नहीं? राहुल गांधी की टेबल पर पहुंची फाइल, सुनील कानुगोलू ने दी अपनी रिपोर्ट!

Shesh Bharat: कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कांग्रेस में गहन मंथन चल रहा है।.ढाई साल के फॉर्मूले के बावजूद राहुल गांधी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है. सुनील कानुगोलू ने भी अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को भेज दी है. जनवरी में स्थिति साफ हो सकती है.

Siddaramaiah DK Shivakumar
Siddaramaiah DK Shivakumar

रूपक प्रियदर्शी

follow google news

कर्नाटक से लेकर दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान तक-अब ये कोई सस्पेंस नहीं रहा कि सीएम बदलने की बात पर गहन मंथन चल रहा है. मंथन इसलिए नहीं कि सीएम के तौर पर ढाई साल में सिद्धारमैया ने बढ़िया काम किया या नहीं. मंथन इस बात पर हो रहा है कि डीके शिवकुमार से किए गए वादे के मुताबिक उन्हें आगे के ढाई साल के लिए सीएम बनाना है या नहीं. हर लेवल पर मंथन के बाद कर्नाटक की फाइल राहुल गांधी तक पहुंची हैं. राहुल गांधी ने अपने लेवल पर इस बात का असेसमेंट किया है कि कर्नाटक का सीएम बदलना है या नहीं. 

Read more!

सुनील कानुगोलू से मांगी गई सलाह

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल गांधी ने पार्टी के अंदर तो लोगों से बात की ही है, उन्होंने कांग्रेस के सबसे बड़े कांग्रेस स्ट्रैटजिस्ट सुनील कानुगोलू से भी राय मांगी थी. सुनील कानुगोलू कर्नाटक चुनाव में जीत के बड़े फैक्टर रहे जिन्होंने पार्टी के लिए इलेक्शन स्ट्रैटजी बनाई. जीतने के बाद वो सरकार के सलाहकार के भी रोल में हैं.

सिद्धारमैया के फेवर में रिपोर्ट

रिपोर्ट के मुताबिक सुनील कानुगोलू ने राहुल गांधी को जो रिपोर्ट दी है वो सीएम सिद्धारमैया को फेवर करती है, डीके शिवकुमार के फेवर में नहीं है. हालांकि सुनील की सिद्धारमैया से कहीं ज्यादा डीके से बनती है. चुनाव में भी कानुगोलू और डीके ने भी मिलकर कांग्रेस को जिताने का काम किया था. 

ये समय सीएम बदलने का नहीं

सुनील कानुगोलू ने राहुल गांधी ने कहा कि इस मौके पर सीएम बदलने से अच्छा मैसेज नहीं जाएगा. राहुल ने कानुगोलू ने सीएम बदलने पर होने वाले बुरे असर का असेसमेंट मांगा था. कानुगोलू ने रिपोर्ट की है ये समय सीएम बदलने का नहीं है. ऐसा कहा जा रहा है कि इसी कारण राहुल ने कर्नाटक के मामले में कोई एक्शन नहीं लिया है.

सीएम के सवाल को लेकर उन्होंने न तो सिद्धारमैया से मुलाकात की है, न डीके शिवकुमार से. अगर सिद्धारमैया या डीके दिल्ली आकर भी राहुल से अलग से नहीं मिल रहे हैं तो मतलब फिलहाल राहुल गांधी किसी का वेलकम करने के मूड में नहीं हैं. जबकि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों के सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से बहुत अच्छे संबंध हैं लेकिन अभी उनके लिए सिर्फ खरगे के घर का दरवाजा खुला है.

डीके शिवकुमार ने की खरगे से मुलाकात

दो दिन पहले डीके शिवकुमार दिल्ली आकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले लेकिन राहुल, सोनिया या प्रियंका से नहीं. डीके ने कहा कि वो विदेश से लौटे हैं. मैं परेशान करना नहीं चाहता. हालांकि अलग-अलग कैंपों ने नेता बीके हरि प्रसाद, केजे जॉर्ज, प्रियांक खरगे की राहुल गांधी से मुलाकात हुई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धारमैया के समर्थक इन नेताओं ने राहुल को मना किया कि अभी सीएम बदलने के बारे में सोचा जाए. सीनियर पार्टी नेता के एन रजन्ना ने राहुल को चिट्ठी भेजकर डीके के मैनेजमेंट की शिकायत की है.

मुलाकात के बाद दी जानकारी

डीके ने साफ कहा कि उनकी खरगे से मुलाकात सीएम को लेकर नहीं, मनरेगा में हुए नए बदलावों को लेकर थी. डीके कोई मौका नहीं चूकते ये बताने का कि 1980 से 45 साल पार्टी को दिए हैं. सत्ता और पद से कहीं ज्यादा, मैं हमेशा एक पार्टी कार्यकर्ता बनकर ही रहना चाहूंगा. ढाई साल वाले फॉर्मूले पर डीके का अब स्टैंड ये है कि हमारे बीच क्या बातचीत हुई, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. सीएम बदलने की चर्चाएं सिर्फ मीडिया में हो रही हैं.

आज कांग्रेस CWC की बैठक

दिल्ली में आज कांग्रेस कार्यसमिति CWC की बैठक हो रही है. सदस्य होने के नाते सीएम सिद्धारमैया भी दिल्ली पहुंचे हैं लेकिन अभी तक ऐसी कोई मीटिंग प्लान नहीं जिसमें सीएम बदलने पर विचार हो. ऐसी चर्चा है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में कुछ निर्णायक फैसला हो सकता है.

यूरोप जा रहे हैं राहुल

CWC की बैठक के बाद राहुल गांधी फिर लंबे विदेश दौरे पर यूरोप जा रहे हैं, जहां से उनकी 10 जनवरी के आसपास वापसी होगी. इस बीच तो कुछ होगा नहीं लेकिन राहुल के यूरोप के लौटने पर कुछ एक्शन हो सकता है जिसमें सिद्धारमैया के जाने या डीके के बनने पर फैसला हो. सिद्धारमैया कैबिनेट में रिशफल की भी चर्चा है जो इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि हाईकमान ने ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है. अगर रिशफल हुआ तो माना जाएगा कि सिद्धारमैया ही पद पर बने रहेंगे. अगर नहीं हुआ तो ये कन्फ्यूजन बना रहेगा कि राहुल कर्नाटक सीएम को लेकर क्या फैसला लेने वाले हैं. वैसे मल्लिकार्जुन खरगे कह चुके हैं कि सीएम बदलने का कन्फ्यूजन कर्नाटक कांग्रेस तक है. दिल्ली में ऐसी कोई बात नहीं है.

क्या रिकॉर्ड बनाएंगे सिद्धारमैया

वैसे भी सिद्धारमैया खुलेआम कर चुके हैं वो 5 साल के लिए सीएम बने हैं. अगले बजट भी पेश करेंगे. कुछ महीने पहले उन्होंने एक बार ये जरूर कहा था कि उनके और डीके शिवकुमार के बीच पावर शेयरिंग को लेकर बात हो रही है. सिद्धारमैया को लेकर एक बात ये भी कही जा रही है कि उन्हें 6 जनवरी तक पद पर रहने दिया ताकि वो सबसे लंबे समय तक 7 साल 238 दिन तक सीएम रहने का रिकॉर्ड ब्रेक कर पाएं. अब तक ये रिकॉर्ड कांग्रेस के सीएम रहे देवराज उर्स के नाम पर है.

खुलकर तो डीके शिवकुमार भी नहीं बोलते कि वो सीएम बनने पर अड़े हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि 2023 में सरकार बनते समय जो बात हुई थी वो 5-6 लोगों को पता था. डीके ने जिस बात का इशारा कर रहे हैं दरअसल वो वही फॉर्मूला है जिसमें डीके से वादा किया था कि ढाई साल बाद उन्हें सीएम पद मिलेगा. ढाई साल नवंबर में पूरा हुआ लेकिन डीके सीएम इन वेटिंग बने हुए हैं. हालांकि अभी तक डीके ने बाजी हारी नहीं है. जब तक राहुल गांधी की ओर से ये क्लियर नहीं होता कि सीएम सिद्धारमैया ही रहेंगे तब तक डीके की दावेदारी बनी रहेगी.

    follow google news