Arvind Kejriwal: दिल्ली सरकार के कथित शराब नीति घोटाले के मामले में इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को तीसरी बार समन जारी किया है. केजरीवाल को इससे पहले भी ED के दो समन मिल चुके हैं, लेकिन वो ED के समक्ष पेश नहीं हुए. केजरीवाल को पहली बार 2 नवंबर और दूसरी बार 21 दिसंबर को पेश होने के लिए समन मिला था. अब एकबार फिर से उन्हें समन मिला है. ED के पहले समन के बाद से ही इस बात की चर्चा है कि क्या मनीष सिसोदिया, संजय सिंह की तरह केजरीवाल भी गिरफ्तार होंगे? क्या ED ऐसा कर सकती है? इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स ने केजरीवाल का एक कथित पुराना ट्वीट वायरल किया है. इस पुराने ट्वीट में केजरीवाल कहते नजर आ रहे हैं की नेता ED, सीबीआई के बुलावे पर क्यों नहीं जाते. पर सवाल उठे हैं की क्या बीजेपी नेताओं ने फेक ट्वीट शेयर किया है?
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पहले जान लीजिए केजरीवाल के उस ट्वीट की क्या है सच्चाई?
केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने भी केजरीवाल वह कथित ट्वीट शेयर किया है. बेसिकली यह स्क्रीनशॉट है, जिसमें ट्वीट की तारीख 24 नवंबर 2012 की है. केजरीवाल के आधिकारिक हैंडल पर लिखा है कि एक देशभक्त होने के नाते वह तब शर्मिंदा होते हैं जब भ्रष्ट नेता ED और सीबीआई के कई समन के बाद भी पेश नहीं होते. रिजिजु ने इसी स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए लिखा है की वह केजरीवाल से सहमत हैं.
पर हकीकत यह है की ये स्क्रीनशॉट ही फर्जी है. हमने उसकी जांच की. साल 2012 के इस कथित ट्वीट में कुल 257 कैरेक्टर हैं जबकि फोर्ब्स के मुताबिक उस समय ट्विटर(अब एक्स) की कैरेक्टर लिमिट 140 ही थी. साल 2017 में ट्विटर ने इसे बढ़ाकर 280 कैरेक्टर कर दिया था. यानी 2012 में इतना बड़ा ट्वीट हो ही नहीं सकता था. आपको बता दें कि केवल रिजिजू ही नहीं बल्कि बीजेपी के और कई नेताओं ने इस फर्जी ट्वीट को शेयर करते हुए केजरीवाल पर तंज कसा है.
हमने इस ट्वीट की सच्चाई जानने के लिए जब ट्विटर के ‘एडवांस्ड सर्च फीचर’ का प्रयोग करते हुए सर्च किया तो पाया कि उस डेट में केजरीवाल ने ऐसा कोई ट्वीट किया ही नहीं है. स्पष्ट है कि किरन रिजिजू ने केजरीवाल के जिस ट्वीट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर उनका मखौल उड़ाया है वो फर्जी है.
समन पर क्या है केजरीवाल का रिएक्शन
केजरीवाल ने अपने ऊपर जारी ED के पहले समन को राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था. फिर विपश्यना में जाने से पहले केजरीवाल ने ED के दूसरे समन का जवाब भेजा, जवाब में ये था कि, ‘मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. मैंने अपना जीवन पूरी पारदर्शिता के साथ जिया है. मेरा जवाब पहले समन के जवाब के समान ही हैं’. उन्होंने फिर से समन को अवैध बताते हुए राजनीति से प्रेरित बताया.
आपको बता दें कि पहले समन पर केजरीवाल अपनी चुनावी व्यस्ततायें बताकर ED के समक्ष पेश नहीं हुए थे. वहीं दूसरे समन की डेट पर उनका पहले से ही विपश्यना में जाने का कार्यक्रम था जिसकी वजह से वो अनुपस्थित रहे.
ED का नहीं बल्कि बीजेपी का समन
अरविंद केजरीवाल को ED के समन पर आप नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि, ‘यह स्पष्ट है कि भाजपा आम आदमी पार्टी से डरी हुई है. अगर सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसौदिया भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनके खिलाफ सभी मामले हटा दिए जाएंगे जैसा कि ऐसे ही मामलों में अजित पवार और छगन भुजबलके साथ हुआ. मैं बीजेपी को बताना चाहती हूं कि हम ED, CBI की धमकियों से नहीं डरेंगे’. वहीं उन्होंने इस समन को ED नहीं बल्कि भाजपा का नोटिस बताया और कहा कि हम भाजपा की एजेंसियों से डरने वाली नहीं है इसका जवाब देश की जनता देगी.
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