'कांग्रेस पार्टी निजी जागीर बन गई है' कहकर छोड़ी पार्टी और हो गई बीजेपी में शामिल, जानिए कौन हैं किरण चौधरी?

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त मुकाबला देंखे को मिला और दोनों को 5-5 सीटें मिली. वैसे पिछले चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की 10 की 10 सीटें जीतीं थी यानी इस चुनाव में पार्टी कमजोर हुई है.

NewsTak

अभिषेक

19 Jun 2024 (अपडेटेड: 19 Jun 2024, 12:11 PM)

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Kiran Chaudhary Joins BJP: लोकसभा चुनाव के ठीक बाद और विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में कांग्रेस को बड़ा झटका लग गया है. पांच बार की विधायक, प्रदेश सरकार में दो बार की कैबिनेट मंत्री और प्रदेश में कांग्रेस की प्रमुख नेत्री किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ बीजेपी में शामिल हो गई हैं. हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम और केन्द्रीय मंत्री खट्टर की उपस्थिति में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता लीं. आपको बता दें कि, किरण चौधरी बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्यागपत्र भेज दिया. किरण चौधरी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए कहा था कि, हरियाणा में कांग्रेस पार्टी व्यक्तिगत जागीर बन गई है, जिससे मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं बची है. अब आज वो बीजेपी में शामिल हो गई. 

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किरण चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'नई शुरुआत, एक नया प्रभात. आज सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास और एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना हेतु उन्नत क्षेत्र व प्रदेश के उद्देश्य से अपने कार्यकर्ताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. हमारा वचन है कि चौ.बंसीलाल जी के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए हरियाणा व क्षेत्रवासियों के हित में सदैव समर्पित रहेंगे.

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका 

हरियाणा में इसी साल अक्टूबर के महीने में विधानसभा चुनाव होने है. विधानसभा चुनावों से पहले किरण चौधरी का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. किरण चौधरी वर्तमान में कांग्रेस से विधायक भी हैं और उनकी बेटी श्रुति चौधरी, जो पूर्व सांसद रही हैं और वर्तमान में हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं. उनके पद से हमें ये बात साफ समझ आती है कि, मां और बेटी दोनों का रसूख हरियाणा की पॉलिटिक्स में क्या था. अब दोनों बीजेपी के साथ हैं. 

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त मुकाबला देंखे को मिला और दोनों को 5-5 सीटें मिली. वैसे पिछले चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की 10 की 10 सीटें जीतीं थी यानी इस चुनाव में पार्टी कमजोर हुई है. इसी नतीजे से ये अनुमान लगाया जा रहा था कि, विधानसभा चुनाव में भी कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. हालांकि चुनाव से पहले बीजेपी अपने पाले को मजबूत करने में जुट गई है. किरण चौधरी और श्रुति चौधरी का बीजेपी में शामिल होना इसी बात को दिखाता है. 

खड़गे को लिखे पत्र में क्या लिखा था?

किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बीते दिन अपना त्यागपत्र भेज दिया था. जिसमें किरण चौधरी ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए कहा है कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी व्यक्तिगत जागीर बन गई है, जिससे मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं बची है. बहुत ही सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से मुझे दबाया गया, अपमानित किया गया और मेरे खिलाफ साजिश रची गई. हमारे लोगों का प्रतिनिधित्व करने और उन मूल्यों को बनाए रखने के मेरे मेहनती प्रयासों में महत्वपूर्ण रूप से बाधा उत्पन्न हुई है, जिनके लिए मैं हमेशा से खड़ी रही हूं.

असल में बात ये है कि, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का धुर विरोधी माना जाता है और हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भिवानी-महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से श्रुति चौधरी को टिकट न दिए जाने से वह नाराज हैं. कांग्रेस ने इस सीट से मौजूदा विधायक और हुड्डा के वफादार राव दान सिंह को टिकट दिया था, जो बीजेपी के मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह से हार गए.
 

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