तमिलनाडु में फाइनल हुआ कांग्रेस-DMK गठबंधन, क्या अपना पिछला प्रदर्शन दुहरा पाएगा ये अलायंस?

'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' खत्म होते ही कांग्रेस और DMK ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अनाउंस कर दिया. यात्रा में होने की वजह से राहुल व्यस्त थे लेकिन बिना राहुल गांधी के शामिल हुए भी कांग्रेस और DMK नेताओं ने बिना हील-हुज्जत के फॉर्मूला बना लिया.

NewsTak

रूपक प्रियदर्शी

• 10:17 AM • 19 Mar 2024

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Congress-DMK Alliance: तमिलनाडु के सीएम और द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम(DMK) चीफ एमके स्टालिन राहुल गांधी के पक्के दोस्त हैं. कांग्रेस और उनका गठबंधन इस वक्त मझधार में है लेकिन स्टालिन ने अपनी दोस्ती पर आंच नहीं आने दी. न बीजेपी के चक्कर में फंसे, न कांग्रेस का साथ छोड़ा. उनकी लाइन-लेंथ, फ्रीक्वेंसी कहीं एक इंच इधर-उधर नहीं हुई. वैसे स्टालिन, राहुल गांधी को 'माई डियर ब्रदर' कहते है. कुछ ऐसी ही दोस्ती देखी गई तमिलनाडु में सीटों के बंटवारें में. तमिलनाडु की 39 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' खत्म होते ही कांग्रेस और DMK ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अनाउंस कर दिया. यात्रा में होने की वजह से राहुल व्यस्त थे लेकिन बिना राहुल गांधी के शामिल हुए भी कांग्रेस और DMK नेताओं ने बिना हील-हुज्जत के फॉर्मूला बना लिया. बाकायदा अग्रीमेंट बना है जिसे स्टालिन ने कांग्रेस नेताओं के साथ जारी किया.

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फॉर्मूला पहले से ही बनकर तैयार था बस यात्रा खत्म होने का इंतजार किया जा रहा था. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला ये बना है कि, कांग्रेस तमिलनाडु की 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पुद्दुचेरी की सीट भी कांग्रेस के खाते में आई है. हालांकि कांग्रेस के हिस्से की तीन सीटें आरणी, रामनाथपुरम और तिरुचिरापल्ली बदल दी गई है. इस डील के लॉक होने का एक मतलब ये भी है कि, 2025 के विधानसभा चुनाव में भी DMK-कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगे.

2019 के चुनाव में लहराया था परचम 

2019 के चुनाव में कांग्रेस को पूरे देश से निराशा हाथ लगी थी लेकिन पंजाब, केरल के साथ तमिलनाडु ही वो राज्य था जहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट तगड़ा था. कांग्रेस ने केरल के बाद सबसे ज्यादा 8 सीटें तमिलनाडु से जीती थी. 2014 में कांग्रेस-DMK अलग-अलग लड़े थे. दोनों का नुकसान इतना बड़ा था कि, दोनों का स्कोर जीरो हुआ था. 2019 में अलग रहने की गलती नहीं दोहराई गई. कांग्रेस ने 8 सीटें लड़कर सभी 8 सीटें और DMK 24 सीटें लड़कर सभी 24 सीटें जीती थी. तमिलनाडु की बाकी पार्टियों के साथ मिलकर संयुक्त प्रोग्रेसिव अलायंस ने 39 में से 38 सीटें जीती थी. 

पीएम मोदी भी जुटे हैं DMK-कांग्रेस के गठबंधन को फेल करने में 

DMK-कांग्रेस को रोकने के लिए पीएम मोदी ने पूरा जोर लगा हुआ है लेकिन उनकी मेहनत सीटों में बदल पाएगी, इसके चांस कम दिख रहे हैं. 2024 के चुनाव से पहले ओपिनियन पोल इशारा कर रहे हैं कि डीएमके-कांग्रेस का अलायंस की जीत धमाकेदार हो सकती है. न्यूज 18 के ओपिनियन पोल का अनुमान है कि तमिलनाडु की 39 में से 30 सीटें कांग्रेस-डीएमके अलायंस को मिल सकती हैं. एबीपी सी वोटर का अनुमान है कांग्रेस-डीएमके सारी 39 सीटें जीतने की स्थिति में हैं. ऐसा ही अनुमान 'इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन' का भी है.

DMK-कांग्रेस की सफलता का ये है राज 

तमिलनाडु में DMK-कांग्रेस के लिए प्लस प्वाइंट ये है कि, जयललिता के निधन के बाद AIADMK अपना असर खोती ही दिखी है. बीजेपी के साथ अलायंस टूटने से पार्टी और कमजोर दिख रही है. बीजेपी जयललिता के वक्त वाली AIADMK की जगह भरने की कोशिश कर रही है लेकिन रुझानों से कोई पॉजिटिव सिग्नल नहीं है. बीजेपी ने तमिलनाडु में पूर्व आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई के हाथों में पार्टी की कमान दी हुई है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई अपनी रैलियों में भीड़ तो जुटा रहे हैं लेकिन भीड़ के वोटों में कन्वर्ट होने का इंतजार है. 

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