साक्षात्कार: मोदी सरकार में कैसे मिला रोड विभाग, नागपुर में कितने मजबूत? गडकरी ने दिए ये जवाब 

गडकरी ने बताया,उन्होंने कहा मेरा लक्ष्य 2024 के अंत से पहले भारत के नेशनल हाइवे नेटवर्क को अमेरिका के स्टैन्डर्ड के करने का था तब लोग मेरे ऊपर हंस रहे थे लेकिन आज जब कुछ लोग अमेरिका से आए तो उन्होंने मुझसे कहा कि, ये अमेरिका के बराबर नहीं बल्कि उससे भी अच्छा बना हुआ है.

NewsTak

अभिषेक

• 05:31 PM • 21 Mar 2024

follow google news

Nitin Gadkari Interview: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक बार फिर नागपुर से टिकट दिया है. गडकरी इस बीच धुंआधार प्रचार में जुटे हुए हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नितिन गडकरी का विभाग अपने मेगा प्रोजेक्ट्स और तेजी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हमेशा चर्चा में रहा. इस बीच TAK चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने न्यूज TAK के खास कार्यक्रम 'साक्षात्कार' में नितिन गडकरी से बात की है. गडकरी से चुनावी तैयारियों, रोड मिनिस्ट्री संभालने के पीछे की कहानी जैसे तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई और उनसे इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े विवाद पर भी सवाल पूछा गया. आइए आपको बताते हैं इस बातचीत के कुछ प्रमुख अंश. 
 

Read more!

आप गडकरी से रोडकरी से कैसे बन गए?

नितिन गडकरी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, जब महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनी तब मैं मंत्रिमंडल में शामिल हुआ. उस समय गोपीनाथ मुंडे जी ने मुझसे पूछा था कि, कौन सा विभाग लेंगे, तब मैंने कहा था कि, जो आप देंगे वो लेंगे. तब उन्होंने पावर और पीडब्ल्यूडी दो विभाग थे तो उस समय पावर में कुछ विवाद चल रहा था इसीलिए उन्होंने मुझे पीडब्ल्यूडी विभाग दे दिया. तभी से मेरी रुचि रोड, ब्रिज और टनल बनाने में हो गई. फिर मैंने BOT(बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर ) मॉडल पर देश का पहला थाने-भिवंडी बायपास बनाया. 

2014 में मोदी सरकार में कैसे मिला रोड मंत्रालय?

नितिन गडकरी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, देश में जब 10 सालों के बाद बीजेपी की सरकार बनी तब मोदी जी ने मुझे बुलाकर पूछा कि, आप कौन सा विभाग लेंगे, फिर मैंने रोड का कहा था तब उन्होंने कहा कि, ये तो शुरू के चार-पांच विभागों में नहीं आता फिर भी मेरे मन के मुताबिक उन्होंने मुझे ये विभाग दे दिया. फिर मैंने नई-नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जमकर काम किया जिसकी वजह से देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मुझे पहचान मिली. 

उन्होंने कहा मेरा लक्ष्य 2024 के अंत से पहले भारत के नेशनल हाइवे नेटवर्क को अमेरिका के स्टैन्डर्ड के करने का था तब लोग मेरे ऊपर हंस रहे थे लेकिन आज जब कुछ लोग अमेरिका से आए तो उन्होंने मुझसे कहा कि, ये अमेरिका के बराबर नहीं बल्कि उससे भी अच्छा बना हुआ है. 

नागपुर से चुनाव लड़ने पर डर नहीं लगा था?

जब मैंने नागपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तब बीजेपी के साथ ही संघ के कई नेताओं ने मुझे ये सलाह दी थी कि, आप कोई और सीट ले लीजिए ये सेफ सीट नहीं है उन्होंने मुझे 3-4 सीटें भी ऑफर की थी. इसके पीछे की वजह ये थी कि,  बीजेपी अबतक सिर्फ एकबार साल 1996 में नागपुर की सीट पर सफलता पाने में कामयाब हो पाई थी और इसे सी केटेगरी की सीट माना जाता था जहां जीतना बहुत मुश्किल है.लेकिन मैंने कहा कि, जहां मैं 20-25 साल काम कर चुका हूं मुझे वहां कि जनता पर पूरा भरोसा है  और ऐसा हुआ भी मैं चुनाव जीत कर आया. इस बार फिर से मुझे टिकट मिला है और मुझे पूरा भरोसा है कि इस बार मैं रिकार्ड मतों से जीतकर संसद जाऊंगा. 

बातचीत का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं- 

 

    follow google news