अजित पवार से नाराज महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने की शरद पवार से मुलाकात, क्या हुई बात? 

Maharashtra Politics: जब NCP में फूट नहीं हुई थी तब छगन भुजबल की गिनती शरद पवार के करीबियों में होती थी. अजित पवार की अगुवाई में हुई पार्टी में बगावत के बाद जब NCP दो धड़ों में बंट गई थी तब भुजबल भी बागी गुट में शामिल थे.

NewsTak

अभिषेक

• 04:29 PM • 15 Jul 2024

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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल प्रदेश की सियासत में पिछले दो दिनों से छाए हुए है. भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) गुट के नेता है, लेकिन अजित पवार से उनकी अनबन की अटकलें चल रही है, वहीं विरोधी शरद पवार गुट से नजदीकियां बढ़ने की भी चर्चा है. बीते दिन बारामती में हुई पार्टी की रैली में उन्होंने शरद पवार पर जमकर हमला बोला था. हालांकि इसके एक दिन बाद ही छगन भुजबल उनसे मिलने उनके घर पहुंच गए, फिर क्या था चर्चा का बाजार और गर्म हो गया. कयास ये तक लगाए जा रहे है कि, छगन भुजबल किसी भी वक्त अपना पाला बदल सकते है. 

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वैसे शरद पवार से किस बारे में बातचीत हुई? उसे लेकर भुजबल ने जानकारी दी है. भुजबल ने बताया कि, मुझे पता चला की शरद पवार आज मुंबई में हैं तो मैं उनसे मिलने चला गया. मेरी उनसे बातचीत पार्टी की ओर से नहीं बल्कि एक विधायक के रूप में हुई. उन्होंने बताया कि, शरद पवार से उनकी बात आरक्षण को लेकर हुई है. 

महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर स्थिति बहुत खराब: भुजबल 

छगन भुजबल ने कहा कि, महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की डिमांड की वजह से प्रदेश की स्थिति बहुत खराब है. मराठा, ओबीसी की दुकान में नहीं जा रहे हैं. शरद पवार बड़े नेता हैं और उनको आगे आकर इसमें रास्ता निकालना चाहिए. उन्होंने बताया कि, पवार साहब ने हमसे कहा की सरकार की मनोज जरांगे और मनोज अहाके के साथ क्या बातचीत हुई है, इसे लेकर मुझे कोई जानकारी नहीं है. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री ने कहा कि, हमने इसे लेकर उनसे सीएम एकनाथ शिंदे से बातचीत कर जानकारी लेने का आग्रह किया है.  

भुजबल ने बताया कि , शरद पवार ने ये आश्वासन दिया है कि एक-दो दिन में सीएम से बातचीत कर बैठक करेंगे. वहीं उन्होंने राजनीतिक कयासों को खारिज करते हुए कहा कि, ओबीसी और मराठा आरक्षण के मुद्दे पर किसी से भी मिलने जाऊंगा. भुजबल ने ये भी कहा कि, जरूरत पड़ी तो राहुल गांधी से भी मिलने को तैयार हूं. आपको बता दें कि, छगन भुजबल ने आरक्षण के मुद्दे पर ही एक दिन पहले ही शरद पवार को घेरा था.

पवार के करीबियों में रहे है भुजबल 

जब NCP में फूट नहीं हुई थी तब छगन भुजबल की गिनती शरद पवार के करीबियों में होती थी. अजित पवार की अगुवाई में हुई पार्टी में बगावत के बाद जब NCP दो धड़ों में बंट गई थी तब भुजबल भी बागी गुट में शामिल थे. भुजबल का नाम NCP के उन नेताओं में भी था जिन्हें अजित पवार के साथ महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. वैसे आपको बता दें कि, छगन भुजबल राज्यसभा चुनाव में पार्टी की ओर से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे थे. सुनेत्रा पवार लोकसभा चुनाव में बारामती सीट से NCP (अजित पवार) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थीं लेकिन उन्हें सुप्रिया सुले से हार का सामना करना पड़ा था. 

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