Haryana News: हरियाणा की सियासत में आज एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उनका मंत्रिमंडल सामूहिक तौर पर आज अपने पद से इस्तीफा दे सकता हैं. इसके बाद बीजेपी नए सिरे से अपने मंत्रिमंडल का गठन करेगी. दिलचस्प बात ये है कि, नए मंत्रिमंडल में प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी(JJP) को शामिल नहीं किया जाएगा. इंडिया टुडे के हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार में ये फेरबदल की रणनीति JJP को मंत्रिमंडल से अलग करने के लिए बनाई गई है.
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सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में विधायक दल की बैठक आज दोपहर 12 बजे बुलाई गई है. इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और बीजेपी महासचिव तरुण चौक पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल होंगे. जो प्रदेश में पार्टी ने नेतृत्व को लेकर मंथन करेंगे.
बीजेपी के JJP से अलग होने की क्या है वजह?
बीते दिन यानी 11 मार्च को बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से JJP प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने मुलाकात की थी. इस मीटिंग में आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन और सीटों के बटवारें को लेकर बात हुई. जानकारी के मुताबिक दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक JJP लोकसभा चुनाव में हरियाणा में 1-2 सीटों की मांग कर रही है. वहीं बीजेपी JJP को एक भी सीट देने के पक्ष में नहीं है और पार्टी अकेले दम पर प्रदेश की सभी दस सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. यही वजह है कि, गठबंधन में टूट होने की स्थिति बन रही है.
हरियाणा विधानसभा में क्या है सीटों का समीकरण
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें है. प्रदेश में बीजेपी के 41 विधायक, कांग्रेस के 30 और JJP के 10 विधायक है. वहीं इंडियन नेशनल लोकदल का एक, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक और सात निर्दलीय विधायक है. वर्तमान स्थिति में बीजेपी-JJP के साथ गठबंधन में सरकार चला रही थी. लेकिन अब वो बिना JJP के सरकार बनाने की कवायद में है.
बीजेपी को 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है वहीं गोपाल कांडा के हरियाणा लोकहित पार्टी के एक विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे रहा है. ऐसे में भाजपा सरकार के पास (41+6+1) कुल 48 विधायक है. हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 सीटें सीटों का है. ऐसी स्थित में अगर बीजेपी बिना JJP के समर्थन के भी आसानी से सरकार बना सकती है.
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