Atal Setu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 जनवरी, शुक्रवार को मुंबई में ‘अटल सेतु’ का उद्घाटन किया. मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (MTHL) का नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है. आपको बता दें कि पीएम मोदी ने ही साल 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था. उद्घाटन के बाद अब यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. आइए आपको बताते हैं इस ब्रिज की खास बातें.
ADVERTISEMENT
अटल सेतु का निर्माण लगभग 18000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा और 6 लेन का है. यह पुल 16.5 किमी समुद्र के ऊपर और करीब 5.5 किमी जमीन पर बना है. उद्घाटन के बाद अटल ब्रिज देश का सबसे लंबा ब्रिज बन गया है.
दो घंटे की दूरी अब मात्र 20 मिनट में
इस पुल के माध्यम से अब मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय की जा सकेगी. इससे पहले ये दूरी तय करने में दो घंटे का समय लगता था. इस सेतु को सेंट्रल मुंबई को पुणे एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो महाराष्ट्र के दो सबसे बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और आसान करेगा. अटल ब्रिज से मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा.
ऑटो, ट्रैक्टर और भारी वाहनों को अनुमति नहीं
लगभग 18000 करोड़ रुपये की लागत से बने अटल सेतु के निर्माण में करीब 177903 मीट्रिक टन स्टील और 504253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. प्रदेश सरकार के मुताबिक इस पुल पर प्रतिदिन लगभग 70000 से ज्यादा वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष से ज्यादा समय तक चलेगा. इस ब्रिज से गुजरने के लिए 250 रुपये का टोल तय किया गया है. अटल सेतु पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी. ध्यान देने वाली बात ये है कि, इस समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर को चलने की अनुमति नहीं होगी.
ADVERTISEMENT