Supreme Court Verdict on NEET: 'NEET पेपर लीक सिस्टमैटिक फेल्योर नहीं', पटना-हजारीबाग तक ही सीमित, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला 

Supreme Court verdict on NEET: इससे पहले 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि NEET UG 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनकर साफ होता है कि परीक्षा की शुचिता भंग ‘नहीं’ हुई है

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News Tak Desk

02 Aug 2024 (अपडेटेड: 02 Aug 2024, 01:59 PM)

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Supreme Court verdict on NEET: NEET UG पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फाइनल फैसला सुना दिया है. कोर्ट के इस फैसले से NEET पेपर लीक पर सभी स्थितियां स्पष्ट हो गई है. कोर्ट के फैसले से सभी सवालों के जवाब क्लियर हो गए है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं हैं. पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है. हमने स्ट्रक्चरल खामियों की ओर ध्यान दिया है. कोर्ट ने कहा कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और NTA की जिम्मेदारी है.

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कोर्ट ने ये भी कहा कि, अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है. हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है. कोर्ट ने आगे कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है. NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए. इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए. हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं.

NTA करेगा परीक्षा प्रणाली में सुधार 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NTA को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करे. प्रश्न पत्रों के संचालन, आदि की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए. पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए. इसके अलावा प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके. इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके. 

EoU और CBI की गिरफ्त में है कई आरोपी

NEET पेपर लीक मामले में CBI और ईओयू ने जांच की थी. इस जांच के दौरान कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और रिपोर्ट में सामने आया कि झारखंड के हजारीबाग और पटना से पेपर लीक हुआ है. EOU से रिपोर्ट पर सीबीआई ने सीक्वेसिंग शुरू की थी. सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था. इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद, आयुष राज, नीतीश कुमार, रॉकी, अखिलेश और बिट्टू के नाम शामिल है. सीबीआई ने सबसे पहले पटना में तीन ठिकानों पर दबिश दी. जांच एजेंसी सिकंदर यादवेंदु के फ्लैट पर पहुंची. उसके बाद लर्न एंड प्ले स्कूल और उसके बॉयज हॉस्टल में भी छापा मारा. NH गेस्ट हाउस में भी तलाशी ली गई. ये वो स्थान हैं, जिनका संबंध नीट पेपर लीक कांड के आरोपियों से है. पटना में खेमनीचक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में संजीव मुखिया में स्टूडेंट्स को ठहराया था. आरोप है कि यहीं 35 छात्रों को बैठाकर प्रश्न पत्र के उत्तर रटवाए गए थे.

इसके बाद CBI ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चार्जशीट में जिन आरोपियों के नाम है उनमें नीतीश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यादवेंदु, आशुतोष कुमार, रोशन कुमार, मनीष प्रकाश, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार और आयुष राज शामिल हैं.

री-एग्जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि NEET UG 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनकर साफ होता है कि परीक्षा की शुचिता भंग ‘नहीं’ हुई है इसलिए दोबारा परीक्षा कराए जाने की जरूरत नहीं है. 'पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों' के आधार पर दोबारा परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी गई. 

रिपोर्ट- कनु सारदा 

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