बिहार में NDA में नीतीश और INDIA में कांग्रेस कमजोर कड़ी, क्या पीएम मोदी के सामने तेजस्वी दिखा पाएंगे दम? समझिए 

हाल के दिनों में तेजस्वी यादव कुछ अलग ही नजर आए हैं. रैलियों में अपने करिश्माई अंदाज में भाषण और युवाओं के मुद्दों पर जोर देकर उन्होंने जनता को आकर्षित किया है. युवा तेजस्वी को पसंद कर रहे हैं.

NewsTak

अभिषेक

24 May 2024 (अपडेटेड: 24 May 2024, 10:29 AM)

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Bihar Lok Sabha Election: देश में चल रहे लोकसभा चुनाव में सबसे दिलचस्प लड़ाई बिहार में देखने को मिल रही है. बिहार में चुनावी माहौल चरम पर है. बिहार में लोकसभा कि 40 सीटें है. 2019 के चुनाव में  बीजेपी-NDA ने 40 में से 39 सीटें जीतकर सबका सूपड़ा साफ का दिया था. इस बार के चुनाव में भी पार्टी अपना पिछला प्रदर्शन दुहराने की फिराक में है. वैसे बिहार में इस बार की लड़ाई पिछली बार से अलग है. इस बार लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल(RJD) कांग्रेस के साथ INDIA अलायंस में चुनाव लड़ रही है. प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव फुल फॉर्म में नजर आ रहे हैं. RJD और कांग्रेस मिलकर बीजेपी-NDA को धूल चटाने के लिए जुटे हुए है. इनहीं सब बातों को समझने के लिए चुनावी सियासत पर नजर रखने वाले अमिताभ तिवारी ने इंडिया टुडे में अपना ओपिनियन लिखा है. आइए आपको बताते हैं अमिताभ तिवारी के अनुमानों में 2024 के चुनाव में कौन पड़ रहा भारी. 

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वैसे आपको बता दें कि, बिहार में सात फेज में चुनाव है. पहले पांच फेज के चुनाव में 24 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. छठे और सातवें फेज में 8-8 सीटों पर वोटिंग होनी बाकी है. 

बिहार में कौन किसके साथ?

बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA ने 2019 में बिहार की 40 में से 39 सीटें जीती थी. हालांकि इस बार स्थिति थोड़ी अलग है. प्रदेश में हुए 2020 के विधानसभा चुनावों में तेजस्वी यादव कि पार्टी RJD और महागठबंधन ने NDA को कड़ी टक्कर दी थी और RJD सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. उसी तरह इस बार के चुनाव में भी दोनों पक्षों ने मजबूत गठबंधन बनाए हुए है. NDA को नीतीश कुमार कि पार्टी JDU के वापसी से बड़ा फायदा हुआ है. इसके साथ ही चिराग पासवान कि लोजपा, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(HAM) और उपेंद्र कुशवाहा(RLP) की राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी NDA का हिस्सा है. वहीं विपक्षी INDIA अलायंस में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियां और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी शामिल है. 

ये है सीटों का गणित 

लोकसभा चुनाव 2024 में NDA में हुए सीटों के बंटवारें कि बात करें तो बीजेपी 17 सीटों जेडीयू 16 सीटों, लोक जनशक्ति पार्टी 5 सीट और HAM और RLP 1-1 सीट पर चुनाव लड़ रही है. दूसरी तरफ INDIA गठबनधन कि बात करें तो आरजेडी 23 सीटों पर, कांग्रेस 9 सीटों पर, लेफ्ट पार्टियां 5 सीटों पर और VIP 3 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 

महिलाएं और युवा वोटरों पर है सबकी नजर 

प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार सरकार की योजनाओं ने महिलाओं के बीच बड़ी लोकप्रियता पाई है. 2019 में एनडीए को महिला वोटरों से 46 फीसदी समर्थन मिला था, जबकि महागठबंधन को केवल 27 फीसदी. NDA को उम्मीद है कि महिलाएं इस बार भी उनके साथ रहेंगी. दूसरी ओर तेजस्वी यादव युवा वोटरों पर दांव लगा रहे हैं. बेरोजगारी और अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शनों ने युवाओं में नाराजगी पैदा की है. 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को 18-25 और 26-35 आयु वर्ग के 47 फीसदी युवा वोटरों का समर्थन मिला था. तेजस्वी ने बतौर उपमुख्यमंत्री 2.5 से 4 लाख नौकरियों का श्रेय लिया हैं जिससे उनकी युवा वोटरों के बीच छवि और मजबूत हुई है. महागठबंधन को उम्मीद है कि यह समर्थन 2019 से भी अधिक होगा और गेम-चेंजर साबित होगा. 

तेजस्वी बनाम मोदी कैसा है ये मुकाबला?

हाल के दिनों में तेजस्वी यादव कुछ अलग ही नजर आए हैं. रैलियों में अपने करिश्माई अंदाज में भाषण और युवाओं के मुद्दों पर जोर देकर उन्होंने जनता को आकर्षित किया है. युवा तेजस्वी को पसंद कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर फोकस किया है. यह देखना दिलचस्प होगा की बिहार की जनता इस बार किसपर भरोसा करती है. क्या बिहार के लोग नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA को एक बार फिर से मौका देंगे या तेजस्वी यादव के युवा नेतृत्व में INDIA ब्लॉक को?

तीन संभावित परिदृश्य-

1. अगर INDIA ब्लॉक 5 फीसदी वोट शेयर NDA से छीनने में कामयाब हो जाता है, तो वह 6 सीटें जीत सकता है, जबकि NDA की 5 सीटें कम हो जाएंगी. 

2. अगर INDIA ब्लॉक 7.5 फीसदी वोट शेयर NDA से छीन लेता है, तो वह 11 सीटें जीत सकता है. इससे NDA की 10 सीटें कम हो जाएंगी. 

3. अगर INDIA ब्लॉक 10 फीसदी वोट शेयर NDA से छीन लेता है, तो वह 15 सीटें जीत सकता है, जबकि NDA की 14 सीटें कम हो जाएंगी. 

कुल मिलाकर चुनाव का नतीजा दोनों गठबंधनों की कमजोर कड़ियों पर निर्भर करेगा जो  जेडीयू और कांग्रेस है. 2020 के विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों की स्ट्राइक रेट सबसे कम जेडीयू का 37 फीसदी और कांग्रेस का 27 फीसदी था. इस बार के चुनाव में जेडीयू को 16 सीटों में से 10 सीटों पर आरजेडी का सामना करना है जबकि कांग्रेस को अपनी 9 में से 5 सीटों पर बीजेपी का सामना करना है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसको चुनती है. 

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