'10 साल से कांग्रेस को नहीं मिली सफलता ब्रेक लेने में कई हर्ज नहीं', पीके ने राहुल को दी नसीहत

प्रशांत किशोर ने कहा कि 'राहुल गांधी पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस को 'असफल' तरीके से चला रहे हैं, लेकिन फिर भी वह किसी और को पार्टी की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं'. जब पिछले 10 साल से एक ही काम बिना किसी सफलता के कर रहे हैं तो ब्रेक लेने में कोई हर्ज नहीं है.

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शुभम गुप्ता

08 Apr 2024 (अपडेटेड: 08 Apr 2024, 08:56 PM)

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को एक बड़ी सलाह दी है. पीके ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहता है तो राहुल गांधी को अलग हटकर ब्रेक लेना चाहिए.

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प्रशांत किशोर ने कहा कि 'राहुल गांधी पिछले 10 वर्षों से कांग्रेस को 'असफल' तरीके से चला रहे हैं, लेकिन फिर भी वह किसी और को पार्टी की कमान सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं'. जब पिछले 10 साल से एक ही काम बिना किसी सफलता के कर रहे हैं तो ब्रेक लेने में कोई हर्ज नहीं है. आपको इसे किसी और को 5 साल के चलाने देना चाहिए.'

किशोर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि, 'राहुल गांधी को ऐसा लगता है कि वह सब कुछ जानते हैं. यदि आप मदद की आवश्यकता को स्वीकार नहीं करते हैं, तो कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता है, उन्हें लगता है कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो उन्हें सही लगता है उस पर अमल कर सके, यह संभव नहीं है'. 

राहुल के बयान का किया जिक्र

2019 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे वाले बयान का जिक्र करते हुए पीके बोले कि लोकसभा सांसद ने तब कहा था कि वह अपने पद से पीछे हट जाएंगे और किसी और को कार्यभार संभालने देंगे, हालाँकि, व्यवहार में, उन्होंने अपने शब्दों के विपरीत कार्य किया है'.

किशोर ने आगे दावा किया कि पार्टी के कई नेता निजी तौर पर मानते हैं कि "xyz" की मंजूरी के बिना पार्टी के भीतर कोई भी निर्णय नहीं ले सकते.

राहुल के दावों पर पीके की दो टूक

प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी चुनावों में हार और असफलताओं का जिम्मेदार चुनाव आयोग, न्यायपालिका और मीडिया को ठहराने वाले दावों पर कहा कि हां ये आंशिक रूप से इसमें कुछ सच हो सकता है, लेकिन इससे पूरी तस्वीर पेश नहीं होती है. बीजेी के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस 2014 में सत्ता में होने के बावजूद 206 सीटों से गिरकर 44 पर आ गई थी. उस समय संस्थानों पर बीजेपी का सीमित प्रभाव था. 

कौन हैं प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर एक चुनावी रणनीतिकार हैं. वे बीजेपी के लिए भी राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके हैं. पीके ने 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को पूर्ण रूप से जीतने में मदद की थी.
 

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