Rahul Gandhi Birthday: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस अवसर पर वे अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेस हेडक्वार्टर पहुंचे. वहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी के जन्मदिन पर जगह-जगह पर बधाई वाले पोस्टर्स लगा रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता को अलग-अलग तरह से बधाई संदेश दे रहे हैं. इसी बीच रशीद किदवाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है. रशीद किदवाई एक पत्रकार, लेखक, स्तंभकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं. उन्होंने राहुल के लिए पिछले साल एक लेख लिखा था जो उन्होंने फिर शेयर किया है. उनके लेख की हेडलाइन थी राहुल गांधी 'कोन्ट्रोवर्सी' के फेवरेट बच्चे रहे हैं. रशीद ने राहुल के लिए लिखे लेख में उनके स्पोर्ट्स कोटे से कॉलेज में एडमिशन, आठ बार नेशनल अवॉर्ड चैंपियन और शूटिंग करियर तक की बात की है.
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8 बार के नेशनल चैंपियन हैं राहुल
राहुल गांधी ने बारहवीं क्लास में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था लेकिन साल 1989 में उन्हें स्पोर्ट्स कोटा की वजह से सेंट स्टीफंस कॉलेज में एडमिशन मिल गया. राहुल19 साल की उम्र तक शूटिंग में 8 बार राष्ट्रीय पुरुस्कार जीत चुके थे. नेशनल चैंपियन होने की बदौलत उन्हें काफी लाभ मिला. शूटिंग चैंपियन होने की वजह से राहुल को बीए ऑनर्स हिस्ट्री में एडमिशन मिल गया.
राहुल का एडमिशन बना अखबार की सुर्खियां
राहुल गांधी का एडमिशन दिल्ली के कई मुख्य अखबारों की हेडलाइन बन गया. तब के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल खुराना ने तुरंत आरोप लगाते हुए राहुल की शूटिंग में कुशलता को अमान्य बता दिया औऱ कहा कि ये फर्जी दस्तावेजों पर आधारित है.उस समय के प्रख्यात पत्रकार में से एक सुमन दुबे ने ने सेंट स्टीफंस में राहुल के प्रवेश का स्वागत करते हुए टिप्पणी की थी. उन्होंने लिखा था कि, "19 साल से कम उम्र के कितने लड़कों ने राष्ट्रीय स्तर पर आठ पदक जीते हैं?" सुमन दुबे,राजीव गांधी के दोस्त थे और प्रधानमंत्री कार्यालय में थे.
राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन (RRA) एक बेहतरीन राइफल शूटर के रूप में राहुल की साख को साझा करने के लिए आगे आया. टेस्टमोनियल से पता चला कि राहुल 26 दिसंबर 1988 से 5 जनवरी 1989 तक नई दिल्ली में आयोजित 32वीं राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहे थे. युवा राहुल ने सेंटर फायर पिस्टल 25 एम (इंडियन रूल) पुरुषों की सिविलयन इवेंट में 400 में से 371 अंकों के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर रहे थे. कई कोंबेट में, अलग-अलग कारणों से तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियो को कांस्य पदक प्रदान किए जाते थे.
स्पोर्ट्स कोटे से मिला सेंट स्टीफंस में एडमिशन
1980 के दशक में स्पोर्ट्स कोटा की मदद से सेंट स्टीफंस, हिंदू, हंसराज, किरोरीमल, लेडी श्रीराम, मिरांडा हाउस आदि जैसे DU के कॉलेजों में एडमिशन आसानी से मिल जाता था, जहां उस दशक में बारहवीं कक्षा में 75-90 प्रतिशत के बीच की मांग करते थे.
उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी शानदार खिलाड़ी (जिसने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्थान हासिल किया हो) को कॉलेज में एडमिशन मिल सकता था केवल इस शर्त पर की उन्होंने स्कूल बोर्ड परीक्षाओं में 40 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हों. 1989 में स्टीफ़न ने उस वर्ष स्पोर्ट्स कोटा में 40 स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया था और 9 छात्रों को हिस्ट्री ऑनर्स में एडमिशन दिया था. कॉलेज के फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स के डायरेक्टर राजकुमार ने कहा था, "जिन फुटबॉलरों को एडमिशन दिया गया उनमें से दो ने राहुल से कम अंक हासिल किए हैं. राहुल ने सीबीएसई स्कूल सर्टिफिकेट में 61 फीसदी नंबर हासिल किए थे.
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