पिछले दिनों लोको पायलटों से मिले थे राहुल गांधी, अब रेलमंत्री और विपक्ष आमने-सामने 

Loco Pailot Controversy: पिछले सप्ताह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली स्टेशन पर लोको पायलटों के साथ बातचीत की थी. बातचीत में लोको पायलटों ने राहुल गांधी को बताया था कि, पर्याप्त संख्याबल न होने की वजह से उन्हें आराम नहीं पा रहा है. इसपर राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह संसद में उनके मुद्दे उठायेंगे.

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अभिषेक

11 Jul 2024 (अपडेटेड: 11 Jul 2024, 01:32 PM)

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Loco Pailot Controversy: पिछले दिनों राहुल गांधी नई दिल्ली स्टेशन गए थे. वहां उन्होंने लोको पायलटों यानी ट्रेन चलाने वालों से मुलाकात की थी. उनके साथ बातचीत का पूरा वीडियो राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर जारी किया. वीडियो में लोको पायलट अपनी समस्याओं को बताते हुए नजर आ रहे है. इन्हीं सब के बीच विपक्षी दलों के 17 सांसदों ने भी पत्र लिखकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को लोको पायलटों को होने वाली परेशानियों पर सवाल उठायें है. इस मामले पर रेल मंत्री का बयान भी आ गया है. सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि, 'विपक्षी सांसद लोको पायलटों को हतोत्साहित करने के लिए कई गलत सूचनाएं फैला रहे है.' आइए आपको बताते हैं आखिर क्या है पूरा मामला. 

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राहुल गांधी के मुलाकात के बाद उठा मामला?

पिछले सप्ताह लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नई दिल्ली स्टेशन पर लोको पायलटों के साथ बातचीत की थी. बातचीत में लोको पायलटों ने राहुल गांधी को बताया था कि, पर्याप्त संख्याबल न होने की वजह से उन्हें आराम नहीं पा रहा है. इसपर राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह संसद में उनके मुद्दे उठायेंगे.

सांसदों ने रेल मंत्री को लिखा पत्र 

लोको पायलटों को रही परेशानियों के मामले में 12 सांसदों ने एक संयुक्त पत्र वही 5 सांसदों ने अलग-अलग पत्र लिखे है. जिनमें DMK सांसद कनिमोझी करुणानिधि, थियुची शिवा, अरुण नेहरू, कांग्रेस सांसद जेबी माथेर और कार्तिक चिदंबरम शामिल हैं. पत्र में उन्होंने ट्रेन चालकों के लिए नई सुविधाएं और आराम की मांग की है. 

लोको पायलटों को रही परेशानियों के मामले में DMK के राज्यसभा सांसद एम शनमुगम ने अपने पत्र में लिखा है कि, 'हमारा कहना है कि चालक दल की ओर से सतर्कता की कमी अत्यधिक थकान और अपर्याप्त आराम के कारण नींद के बोझ के कारण है. रेलवे सुरक्षा पर हाई पावर कमेटी ने भी सिफारिश की है कि, रनिंग स्टाफ के लिए लगातार रात की ड्यूटी दो रातों तक सीमित होनी चाहिए, जिसके बाद उन्हें फिर से बुक करने से पहले कम से कम एक पूरी रात बिस्तर पर रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. वर्तमान नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति को चार रात की ड्यूटी की इजाजत है. हालांकि लोको पायलट इसे घटाकर दो रात करने की मांग कर रहे हैं. 

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लगाया गुमराह करने का आरोप

राहुल गांधी के लोको पायलटों फिर विपक्षी सांसदों के लेटर लिखने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर लोको पायलटों को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने बुधवार यानी बीते दिन सोशल मीडिया पर लिखा, 'लोको पायलट रेलवे परिवार के अहम सदस्य हैं और विपक्ष उन्हें हतोत्साहित करने के लिए बहुत सी गलत सूचनाएं फैला रहा है. उन्होंने कहा है कि फर्जी खबरों से रेलवे परिवार का मनोबल गिराने की कोशिश नाकाम होगी. पूरा रेल परिवार देश की सेवा में एकजुट है. 

उन्होंने लिखा है, लोको पायलटों के ड्यूटी घंटों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाती है. यात्राओं के बाद सावधानीपूर्वक विश्राम प्रदान किया जाता है. औसत ड्यूटी के घंटे निर्धारित घंटों के भीतर बनाए रखे जाते हैं जो इस साल जून माह में 8 घंटे से भी कम है. केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही यात्रा की अवधि निर्धारित घंटों से अधिक होती है. 

वैष्णव के अनुसार ये पायलट लोको कैब से अपना इंजन (लोकोमोटिव) चलाते हैं तथा 2014 से पहले ये कैब बहुत बुरी दशा में थी. अब आरामदायक सीट के साथ इन कैब में सुधार किया गया है. 7000 से अधिक लोको कैब वातानुकूलित हैं. 2014 से पहले रनिंग रूम बहुत बुरी दशा में थे. अब सभी 558 रनिंग रूम वातानुकूलित हैं. कुछ रनिंग रूम में फुट मसाजर की भी सुविधा है. वैष्णव ने दावा कि पिछले कुछ सालों में 34,000 ट्रेन चालक, गार्ड आदि की भर्ती की गई और 18000 रनिंग स्टाफ के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है. 

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