Bharat Jodo Nyay Yatra: राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता के बाद अब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की शुरूआत 14 जनवरी से मणिपुर से होनी है. लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले ही रुकावटें आ गई हैं. यात्रा के शुरुआती कार्यक्रम की अनुमति अभी तक मणिपुर सरकार से नहीं मिली है. कांग्रेस ने 8 जनवरी को इस बात की जानकारी दी और कहा कि मणिपुर सरकार से कार्यक्रम की अनुमति का इंतजार कर रही है, जिसके लिए उसने लगभग एक सप्ताह पहले आवेदन किया था.
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पहले पूरा मामला समझिए
मणिपुर के जिस ग्राउंड से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होनी है, उसके लिए राज्य सरकार ने मंजूरी नहीं दी है. पार्टी नेताओं ने राज्य के मुख्य सचिव विनीत जोशी से सोमवार को मुलाकात की, तो उन्हें बताया गया कि मामला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पास है. अब इस मामले में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एक हफ्ते पहले ही प्रोग्राम के परमिशन के लिए आवेदन दे दिया गया था, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. वेणुगोपाल ने आगे कहा कि, ये यात्रा राजनीतिक नहीं है, इसलिए सरकार को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यात्रा का मकसद अशांत मणिपुर के लोगों के घावों को भरना और नफरत खत्म करके प्रेम का संदेश फैलाना है.
अब जानिए राहुल की इस यात्रा के बारे में
भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से मुंबई तक लगभग 6700 किमी की दूरी तय करने वाली है. इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के लिए न्याय की मांग करना है. कांग्रेस का तर्क है कि मणिपुर के लोग न्याय के हकदार हैं, क्योंकि देश के बाकी हिस्से मणिपुर की स्थिति देखकर दुखी हैं और मणिपुर के लोगों को न्याय की जरूरत है.
भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी. लोकसभा चुनाव से करीब 4 महीने पहले होने वाली यह यात्रा 15 राज्य, 85 जिलों और 100 लोकसभा सीटों को कवर करेगी. इस दौरान राहुल पैदल और बस से लगभग 6700 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेंगे. यह यात्रा मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी.
क्या थी भारत जोड़ो यात्रा?
राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक भारत जोड़ो यात्रा की थी. 145 दिनों की यह यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में खत्म हुई थी. तब राहुल ने 3570 किलोमीटर की यात्रा में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था.
श्रीनगर में यात्रा के समापन के मौके पर शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में राहुल ने कहा था- ‘मैंने यह यात्रा अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश की जनता के लिए की है. हमारा उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को खत्म करना चाहती है.’ यात्रा के दौरान राहुल ने 12 सभाओं को संबोधित किया था, 100 से ज्यादा बैठकें और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थीं.
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