आलंद में चोरी हुए 6018 वोट? राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या नए आरोप लगाए?

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी का आरोप लगाया है. उन्होंने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी वोट चोरों का साथ देने का इल्जाम लगाया. उन्होंने कर्नाटक चुनाव का उदाहरण दिया.

Rahul Gandhi
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न्यूज तक डेस्क

18 Sep 2025 (अपडेटेड: 18 Sep 2025, 12:34 PM)

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Rahul Gandhi Press Conference: कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से वोट चोरी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों की रक्षा करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा आज की पीसी वोट चोरी के उदाहरण देने के लिए है. 

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राहुल गांधी ने कहा, "यह हाइड्रोजन बम नहीं है, हाइड्रोजन बम आने वाला है. यह इस देश के युवाओं को यह दिखाने और स्थापित करने में एक और मील का पत्थर है कि चुनावों में किस तरह धांधली की जा रही है." 

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं पुख्ता सबूतों के साथ अपनी बात कह रहा हूं. देश का दलित और OBC इनके निशाने पर है. राहुल ने कर्नाटक के आलंद में 6018 वोट खत्म करने का आरोप लगाया. 

राहुल गांधी ने आज क्या आरोप लगाए?

राहुल गांधी ने आलंद सीट पर वोट चोरी उदाहरण देते हुए कहा, 'आलंद कर्नाटक का एक विधानसभा क्षेत्र है. वहां किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए. लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा थी. बस  6,018 वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया. 

राहुल गांधी ने उदाहरण देकर बताया कि, हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है. उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने डिलीट किया तो पता चला कि पड़ोसी ने डिलीट किया है. जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया. यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ. दोनों को इस बारे में कुछ पता था. असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे.'

राहुल गांधी ने कहा, 'यह कैसे किया जा रहा है और मैं क्यों कह रहा हूं कि यह काम सेंट्रलाइज्ड तरीके से किया जा रहा है. यह काम किसी व्यक्तियों के जरिए नहीं, बल्कि सॉफ्टवेयर के जरिए हो रहा है. एक सॉफ्टवेयर बूथ पर पहली सूचीबद्ध नाम उठाकर उसका इस्तेमाल वोट हटाने के लिए कर रहा है.

किसी ने एक ऑटोमेटेड प्रोग्राम चलाया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बूथ पर पहला मतदाता ही आवेदक दिखे. उसी व्यक्ति ने राज्य से बाहर के मोबाइल फोन लिए और उनका इस्तेमाल करके आवेदन दाखिल किया. हमें पूरा यकीन है कि यह सेंट्रलाइज्ड तरीके से और बड़े पैमाने पर किया गया. यह काम किसी कार्यकर्ता के स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम के स्तर पर किया गया है.'

राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक CID पिछले 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 बार पत्र लिखकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मांग चुकी है, जिसमें आईपी एड्रेस, डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स और ओटीपी ट्रेल्स शामिल हैं. लेकिन, चुनाव आयोग ने अभी तक इन पत्रों का कोई जवाब नहीं दिया है. राहुल गांधी ने कहा यह जानकारी मिलने पर यह साफ हो जाएगा कि यह ऑपरेशन कहां से चलाया जा रहा था.

'हाइड्रोजन बम' वाला बयान और वोट चोरी के आरोप

राहुल गांधी ने 1 सितंबर को पटना में अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के समापन पर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "हाइड्रोजन बम" से भी बड़ा एक "एटम बम" होता है और वोट चोरी की सच्चाई जब सामने आएगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे. इस बयान के बाद से ही राजनीतिक हलकों में यह चर्चा चल रही है कि राहुल गांधी के पास कुछ पुख्ता सबूत हैं.

इससे पहले 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर एक प्रेजेंटेशन दिया था. उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक की वोटर लिस्ट का हवाला देते हुए वोट चोरी के आरोप लगाए थे. उस दौरान उन्होंने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर एक लाख से अधिक और महाराष्ट्र में 40 लाख फर्जी नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने का दावा किया था.
 

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