विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में कांग्रेस पार्टी ने अब एक्शन दिखाना शुरू किया है. दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली. अब हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर भागीरथ मांझी कौन हैं और उन्होंने कांग्रेस का दामन क्यों थामा. पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाने वाले माउंटेन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे ने जेडीयू छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन किया. इसके जरिए कांग्रेस पार्टी भी महादलित समाज और खासकर मांझी समाज में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.
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पहले जेडीयू में थे भागीरथ मांझी
भागीरथ मांझी ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जेडीयू ज्वाइन किया था. लेकिन जल्द ही उनका नीतीश कुमार की पार्टी से मोहभंग हो गया. और उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया. उन्होंने कहा कि वो राहुल गाँधी से काफी प्रभावित हैं और इसलिए कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने निभाई अहम भूमिका
18 जनवरी को राहुल गांधी पटना में थे. इस दौरान उन्होंने दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को अपने बगल में बैठाया था. तभी से ये कयास लगाए जाने लगे थे कि भागीरथ मांझी कांग्रेस का दामन थाम सकत हैं. उस तस्वीर के सामने आने के 10 दिन बाद ही उन्होने दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में वो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
क्या है कांग्रेस की रणनीति
भागीरथ मांझी पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के क्षेत्र से आते हैं. दशरथ मांझी के परिवार के सदस्यों को जीतन राम मांझी के क्षेत्र में एक बड़े चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है. इनका गया के इलाके में अच्छा खासा प्रभाव है. साथ ही कांग्रेस की दलित राजनीति के लिहाज से भी भागीरथ मांझी बड़ा चेहरा हो सकते हैं. भागीरथ मांझी भी जीतन राम मांझी की तरह मुसहर जाति से हैं जो कि महादलित जाति में शामिल है.
कौन थे दशरथ मांझी?
दशरथ मांझी को माउंटेन मैन के नाम से पूरी दुनिया जानती है. उनका जन्म 14 जनवरी 1934 को बिहार के गया जिले के गहलौर गांव में उनका जन्म हुआ था. दशरथ मांझी की पत्नी फगुनी देवी की मृत्यु 1959 में तब हो गई थी, जब वह एक पहाड़ी से गुजर रही थी. इस घटना के बाद दशरथ मांझी ने पहाड़ को काटकर रास्ता बनाने का फैसला लिया और 22 साल तक अकेले दम पर पहाड़ काटकर उसमें रास्ता बना दिया. दशरथ मांझी की इस महान उपलब्धि के लिए कई मंचों पर उन्हें सम्मानित किया गया. तथा उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया. दशरथ मांझी का निधन 17 अगस्त 2007 को हुआ था.
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