राहुल गांधी ने क्यों पूछा: सचिन पायलट या अशोक गहलोत? फिर सामने आई अंदर की ये चौंकाने वाली बात

Rahul Gandhi: कांग्रेस के अंदर एक बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है, और इसके संकेत खुद राहुल गांधी ने दिए हैं. अहमदाबाद में पार्टी की अहम बैठक अटेंड करने के तुरंत बाद राहुल गांधी सीधे राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचे. टाइगर सफारी और आम लोगों से संवाद के बाद उन्होंने कांग्रेस के ब्लॉक और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से एक सीधा सवाल पूछा.

राहुल गांधी ने अहमदाबाद से लौटकर टटोली राजस्थान की नब्ज.

राहुल गांधी ने अहमदाबाद से लौटकर टटोली राजस्थान की नब्ज.

विजय विद्रोही

15 Apr 2025 (अपडेटेड: 15 Apr 2025, 01:01 PM)

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अहमदाबाद से लौटे राहुल गांधी ने राजस्थान में किया बड़ा राजनीतिक इशारा

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युवा नेतृत्व पर रायशुमारी ने खोली कांग्रेस की नई रणनीति की परतें

Rahul Gandhi News:कांग्रेस के अंदर एक बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है, और इसके संकेत खुद राहुल गांधी ने दिए हैं. अहमदाबाद में पार्टी की अहम बैठक अटेंड करने के तुरंत बाद राहुल गांधी सीधे राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचे. टाइगर सफारी और आम लोगों से संवाद के बाद उन्होंने कांग्रेस के ब्लॉक और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से एक सीधा सवाल पूछा.

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'युवा नेतृत्व किसे चाहिए? गहलोत, पायलट या कोई और?' जवाब साफ था, 'सचिन पायलट चाहिए!' राहुल गांधी मुस्कुरा दिए, लेकिन ये मुस्कान कांग्रेस में बड़े बदलाव की भविष्यवाणी कर गई. दिलचस्प बात ये है कि यह सवाल अहमदाबाद की उस बैठक के तुरंत बाद पूछा गया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीनियर नेताओं के रिटायरमेंट का इशारा किया था. खड़गे ने दो टूक कहा था कि अब बुजुर्ग नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में जाना चाहिए, और मंच पर भी उन्हें युवाओं से अलग बिठाया गया था.

इस संदर्भ में सचिन पायलट की बढ़ती सक्रियता भी गौर करने लायक है- उन्हें सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया गया. अहमदाबाद बैठक में उन्हें पॉलिटिकल प्रस्ताव रखने की जिम्मेदारी दी गई. बैठक के फौरन बाद वो बिहार में कन्हैया कुमार के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए.

राहुल गांधी की यात्रा के मायने

राहुल गांधी की यात्रा और बातचीत से ये संकेत भी साफ मिला कि पार्टी पूर्वी राजस्थान पर खास ध्यान दे रही है, जहां सचिन पायलट की मजबूत पकड़ है. लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से कांग्रेस को जीत भी मिली, और उसका बड़ा श्रेय पायलट को दिया गया. वहीं दूसरी ओर, गहलोत, डोटासरा और टीकाराम जूली जैसे नेताओं को कार्यकर्ताओं की पसंद में पीछे हटते देखा गया.

अब सवाल ये है- 

क्या राहुल गांधी की नज़र में अब गहलोत ‘एसेट’ नहीं रहे?
क्या अब कांग्रेस भी बीजेपी की तर्ज़ पर मार्गदर्शक मंडल की ओर बढ़ रही है?
क्या कांग्रेस में भी बीजेपी की तरह एक मार्गदर्शक मंडल बनेगा?
क्या गहलोत, हुड्डा, कमलनाथ जैसे दिग्गज उस मंडल का हिस्सा बनेंगे?
और क्या सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी जाएगी?

खबर से जुड़ा पूरा वीडियो यहां देखें 

कांग्रेस में बन सकता है मार्गदर्शक मंडल?

अगर हां, तो क्या उसमें अशोक गहलोत, भूपेंद्र हुड्डा, कमलनाथ जैसे नेता शामिल होंगे? और क्या सचिन पायलट को जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष जैसी कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी? राहुल गांधी की रणथंभौर यात्रा महज़ एक जंगल सफारी नहीं थी- वो कांग्रेस में युवा नेतृत्व को स्थापित करने की एक साफ़ रणनीति का हिस्सा लग रही है. अब देखना ये है कि क्या सच में कांग्रेस में “नई टीम राहुल” तैयार हो रही है, या ये मुस्कुराहट भी सिर्फ एक राजनीतिक पॉज भर है.

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