राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान का रुख अशोक गहलोत के लिए क्यों चिंता की बात?

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में कुछ नामों पर मुहर लगने की खबर है. इस बीच बैठक से गहलोत समर्थक उन तीन नेताओं के लिए संकट की खबर सामने आई है, जिन्होंने 25 सितंबर को ही बैठक में उनके लिए आलाकमान से भी बगावत कर ली.

कांग्रेस की CEC मीटिंग में राजस्थान चुनाव में उम्मीदवारों के लिए टिकट वितरण, जिसमें गहलोत के समर्थकों का टिकट कटने के आसार

कांग्रेस की CEC मीटिंग में राजस्थान चुनाव में उम्मीदवारों के लिए टिकट वितरण, जिसमें गहलोत के समर्थकों का टिकट कटने के आसार

देवराज गौर

• 10:26 AM • 19 Oct 2023

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विधानसभा चुनाव 2023ः राजस्थान चुनाव में कांग्रेस अभी उम्मीदवारों की कोई सूची जारी नहीं कर पाई है. इस बीच कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक में कुछ नामों पर मुहर लगने की खबर है. पर जो खबर सबसे ज्यादा चौंकाऊ है, वह है आलाकमान का रुख. सीईसी की बैठक में आलाकमान ने गहलोत समर्थक कुछ नेताओं पर जैसा रिएक्शन दिया है, उसकी खूब चर्चा है. यह रुख सीएम अशोक गहलोत के लिए भी चिंता का विषय समझा जा रहा है.

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CEC की बैठक में धारीवाल बने गहलोत के गले की फांस

बुधवार को कांग्रेस की केद्रीय चुनाव समिति CEC की बैठक हुई. बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के द्वारा करीब 100 नामों को रखा गया. सभी सीटों पर सहमति नहीं बन पाई. इस बीच बैठक से गहलोत समर्थक उन तीन नेताओं के लिए संकट की खबर सामने आई है, जिन्होंने 25 सितंबर को ही बैठक में उनके लिए आलाकमान से भी बगावत कर ली. तब अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर पार्टी प्रमुख बनाने की चर्चा चल रही थी. दिल्ली से कांग्रेस नेता मल्लिकार्जन खड़गे और अजय माकन को विधायक दल की बैठक करने के लिए भेजा था. उसी बैठक से पहले गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने विद्रोह कर दिया था. उन्होंने कहा था कि हमारे आलाकमान गहलोत हैं. धारीवाल के साथ महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ भी शामिल थे.

सूत्रों के अनुसार अब शांति धारीवाल का नाम टिकट लिस्ट में नहीं है. राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान धारीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जानकारी भी मिली थी. चर्चा है कि बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी इनसे नाराज दिखे. वहीं अशोक गहलोत अपने वफादार मंत्रियों औऱ विधायकों को टिकट देने की वकालत कर रहे हैं. गहलोत ने तर्क दिया कि अगर विधायक भ्रष्ट होते तो उन्होंने 2020 में उनकी सरकार को गिराने के लिए उन्हें पेश की गई धनराशि ले ली होती.

गहलोत के लिए मुसीबत तो क्या पायलट के लिए मौका

धारीवाल के साथ महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के नाम पर भी तलवार लटकी है. पिछले साल बगावती तेवर दिखाने की वजह से इन तीनों नेताओं को पार्टी से नोटिस मिली थी. सचिन पायलट भी इन विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. अब अगर इनका टिकट कटता है, तो यह अशोक गहलोत के लिए चुनाव से पहले बड़ा झटका होगा. यह मामला आगे चुनाव बाद नेतृत्व निर्धारण करने और अगर कांग्रेस जीतती है, तो मुख्यमंत्री कौन हो, जैसे सवालों पर भी गहलोत की पोजिशन को वीक कर सकता है.

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