सुदर्शन रेड्डी बनाम सीपी राधाकृष्णन: उपराष्ट्रपति चुनाव में 18 Vs 56 जज आमने-सामने, क्या है पूरा विवाद?

Sudarshan Reddy vs CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति चुनाव से नया विवाद सामने आ गया हैं. अब न्यायपालिका के पूर्व जज दो खेमों में बंट गए हैं.

Sudarshan Reddy vs CP Radhakrishnan
Sudarshan Reddy vs CP Radhakrishnan

ललित यादव

28 Aug 2025 (अपडेटेड: 28 Aug 2025, 10:01 AM)

follow google news

Sudarshan Reddy vs CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति चुनाव से नया विवाद सामने आ गया हैं. अब न्यायपालिका के पूर्व जज दो खेमों में बंट गए हैं. इंडिया अलायंस के उम्मीदवार और पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज 'बी. सुदर्शन रेड्डी' के समर्थन में 18 पूर्व जज खुलकर सामने आ गए हैं. वहीं दूसरी ओर 56 पूर्व जजों की टीम ने इसका विरोध कर विवाद खड़ा कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के बाद यह विवाद शुरू हुआ है, जिसके बाद पूर्व जजों के दो धड़े आमने-सामने हो गए. आइए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है?

Read more!

मामला शुरू कहां से हुआ?  

विवाद की शुरूआत अमित शाह के एक इंटरव्यू से हुई. एक टीवी इंटरव्यू में अमित शाह ने INDIA गठबंधन के वीसी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के 2011 के सलवा जुडूम फैसले पर सवाल उठाए. शाह ने कहा कि अगर सुदर्शन रेड्डी ने साल 2011 में सलवा जुडूम को खत्म करने वाला फैसला न दिया होता तो नक्सलवाद का अंत साल 2020 तक हो चुका होता.  

इस बयान के बाद विपक्षी खेमे में खलबली मच गई और 18 पूर्व जज अमित शाह के खिलाफ बयान जारी करते हुए सुदर्शन रेड्डी के समर्थन में उतर आए. उनका कहना था कि किसी पूर्व जज को व्यक्तिगत हमले का निशाना बनाना न्यायपालिका की गरिमा पर सवाल उठाता है. 

18 बनाम 56: दो खेमे आमने-सामने  

सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज कुरियन जोसेफ, मदन बी. लोकुर और जे. चेलमेश्वर जैसे बड़े नाम शामिल हैं. उनका कहना है कि राजनीति में आने के बाद भी रेड्डी पर व्यक्तिगत आरोप और उनके पुराने फैसलों पर सवाल उठाना उचित नहीं है. 

वहीं दूसरी ओर, सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ 56 पूर्व जजों का एक बड़ा गुट खड़ा हो गया, जिसमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई, पी. सदाशिवम, जस्टिस ए.के. सिकरी और ए.एम. शाह जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इनका कहना है कि जब कोई पूर्व जज राजनीति में कदम रखता है तो उसे राजनीतिक आलोचना का सामना करना पड़ता है. उसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता की आड़ लेकर राजनीतिक सुरक्षा लेना गलत है. 

इस विवाद में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी भी कूद पड़े हैं. उन्होंने माना कि 56 जजों की दलील 18 जजों से ज्यादा मजबूत है. रोहतगी ने कहा कि अगर कोई राजनीति में आता है तो उसकी साख और फैसलों पर बहस होना स्वाभाविक है.  

सलवा जुडूम क्या है?

2005 में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थानीय युवाओं को हथियार देकर नक्सलियों से लड़ने के लिए सलवा जुडूम आंदोलन शुरू किया था. इससे नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा. इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 2011 में जस्टिस सुदर्शन रेड्डी की पीठ ने इस आंदोलन को अवैध ठहराकर बैन लगा दिया. रेड्डी के इसी फैसले को लेकर अमित शाह ने बयान देकर नई बहस छेड़ दी. 

Explainer: क्या है 'सलवा जुडूम', जिसे लेकर अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर उठाए सवाल?

    follow google news