सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर CBI, ED को नोटिस जारी कर मांगा जवाब 

मनीष सिसौदिया को 26 फरवरी, 2023 को आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में CBI ने गिरफ्तार किया था. ED ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया.

NewsTak

अभिषेक

16 Jul 2024 (अपडेटेड: 16 Jul 2024, 01:23 PM)

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Manish Sisodia's Case: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी(AAP) के नेता मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट(SC) ने एक्शन ले लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय जांच एजेंसी CBI और ED से इस बाबत जवाब मांगा है. बात ये है कि, मनीष सिसौदिया दिल्ली के कथित शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी है और तिहाड़ जेल में बंद है. उनके खिलाफ CBI और ED जांच कर रही है जिन्हें सिसौदिया की कस्टडी मिली हुई है. सिसौदिया ने CBI और ED के उनके खिलाफ दायर शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अपनी जमानत याचिकाओं पर फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर कोर्ट ने अब एक्शन लिया है. 

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Supreme Court issues notice to Enforcement Directorate on AAP leader Manish Sisodia's petition challenging Delhi High Court order rejecting his bail plea in excise policy money laundering case pic.twitter.com/CQZbYjetXF

— ANI (@ANI) July 16, 2024

आपको बता दें कि, मनीष सिसौदिया को 26 फरवरी, 2023 को आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में CBI ने गिरफ्तार किया था. ED ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.

सिसौदिया के वकील सिंघवी ने जमानत पर क्या दी दलीलें 

SC में सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील सिंघवी ने कहा कि, आरोपी को जमानत पर रिहा होने का वैधानिक और संवैधानिक अधिकार है, खासकर तब जब वह पहले से ही 15 महीने से जेल में है और मुकदमा शुरू होने में देरी में उसकी कोई भूमिका नहीं है. सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ED की ओर से अंतिम शिकायत दर्ज करने में देरी मुख्य रूप से AAP संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछताछ के लिए 10 समन का जवाब देने से इनकार करने की वजह से हुई. तुषार मेहता ने कहा, यह आजकल एक ट्रेंड बन गया है कि आरोपी या उसके सहयोगी जांच पूरी करने की प्रक्रिया में देरी करते हैं और उसे जमानत लेने के लिए आधार बना लेते है. 

आपको बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी. 

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