बर्थडे स्पेशल में आज तेजस्वी की कहानी, बेटे को लेकर क्या सोचते हैं लालू प्रसाद यादव?

राजद प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु ने तेजस्वी के साथ अपने निजी अनुभव हमें बताए. जयंत कहते हैं कि, ‘तेजस्वी को हमें लालू यादव से जोड़ कर देखना चाहिए. तेजस्वी ने 4 लाख युवाओं को नौकरी देकर उन्हे आर्थिक रूप से मजबूत किया.

Tejaswi Yadav
Tejaswi Yadav

अभिषेक

09 Nov 2023 (अपडेटेड: 10 Nov 2023, 01:06 PM)

follow google news

Tejashwi Yadav Birthday: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का आज जन्मदिन है. तेजस्वी आज 34 साल के हो गए. तेजस्वी यादव ने कम उम्र में ही क्रिकेटर से राजनेता बनने और फिर डिप्टी सीएम का पद संभालने तक का रास्ता तय किया है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी की जोड़ी लगातार चर्चा में है. बिहार में जातिगत सर्वे फिर इस आधार पर आरक्षण को बढ़ाकर 75 फीसदी करने और बंपर शिक्षक भर्तियों के देशव्यापी चर्चे हैं. अक्सर इस बात की चर्चा होती है कि तेजस्वी मुख्यमंत्री कब बनेंगे? कुछ लोगों का मानना है कि यह बहुत कुछ उनकी नीतीश कुमार संग जुगलबंदी और राष्ट्रीय पॉलिटिक्स की दशा-दिशा पर डिपेंड करता है.

Read more!

तेजस्वी का अबतक का सियासी सफर कैसा रहा? क्या तेजस्वी ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत को बखूबी संभाला? तेजस्वी को लेकर खुद लालू क्या सोचते हैं? तेजस्वी से जुड़ी ऐसी ही तमाम बातों को समझने के लिए हमने लालू यादव पर ‘गोपालगंज से रायसीना’किताब लिखने वाले नलिन वर्मा और राजद प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु से बात की.

तेजस्वी को खुद के लिए गॉड गिफ्टेड मानते हैं लालू

नलिन वर्मा कहते हैं, ‘तेजस्वी को क्रिकेट से बहुत लगाव था. उनको सियासत से ज्यादा क्रिकेट में इंट्रेस्ट था. असल में वो एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. लेकिन लालू यादव पर पहली बार 2013 में जब चारा घोटाले मामले में कन्विक्शन हुआ तब उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया और पिता की खाली जगह को भरने की कोशिश की.’ नलिन वर्मा याद करते हुए कहते हैं कि लालू ने उनसे कहा था, ‘तेजस्वी मेरे लिए गॉड गिफ्टेड है. वह स्वावलंबी और बहुत मेहनती लड़का है. जबसे वह क्रिकेट खेल रहा है, घर पर रहे या कहीं बाहर भी रहे, कभी भी पैसा नहीं मांगता था. उसमें लीडरशिप का क्वॉलिटी है.’

नीतीश ने जब छोड़ा था साथ तो इससे भी तेजस्वी को हुआ फायदा!

नलिन वर्मा ने तेजस्वी के साथ पहले कभी हुई उनकी बातचीत को हमारे साथ साझा किया. उन्होंने बताया कि, ‘तेजस्वी कहते हैं कि क्रिकेट मेरा चॉइस था, मेरा बहुत मन लगता था उसमें. लेकिन उंगली टूट जाने पर मैंने क्रिकेट छोड़ दिया. नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम रहते हुए मुझे बहुत सीखने को मिला.’ नलिन कहते हैं कि, ‘नीतीश कुमार का साथ छोड़ना उनके लिए “A blessing in disguise” साबित हुआ. जब वे विपक्ष में बैठे तब वे अपने पहले ही भाषण से बहुत चर्चित हुए. उसके बाद से तेजस्वी निखरते चले गए. उन्होंने पार्टी को संभाला. आज उन्होंने 10 लाख रोजगार के मुद्दे पर जो लोकप्रियता की है वो निश्चित रूप से बड़ी बात है. लालू के जेल में रहने के बावजूद राष्ट्रीय जनता दल तेजस्वी के नेतृत्व में राजद बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आया, जो तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है.’

राजद प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु ने तेजस्वी के साथ अपने निजी अनुभव हमें बताए. जयंत कहते हैं कि, ‘तेजस्वी को हमें लालू यादव से जोड़ कर देखना चाहिए. लालू जी ने राजनैतिक और शैक्षणिक रूप से जनता को खुद्दारी दी. उसी को आगे बढ़ाते हुए एक ऐसे समय में जब देश के सार्वजनिक उपक्रम बेचे जा रहे हैं, उस समय में उन्होंने आर्थिक न्याय के सवाल को बहुत प्रमुखता से उभारा और अपने चुनावी घोषणापत्र में किये वादों को निभाया.’ जयंत बताते हैं कि उनकी खूबी- नम्रता, विनम्रता, अपने से बड़ों का सम्मान और निरंतर संवाद है. उन्होंने अपनी पार्टी में भी सभी को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक न्याय को साकार किया है. उनके अंदर एक टीम भावना है और वे सर्वसमावेशी हैं.

    follow google newsfollow whatsapp