उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं. मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कृषि मंत्री से सीधे पूछा कि किसानों से किए गए लिखित वादों को अब तक पूरा क्यों नहीं किया गया. उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं, "कृषि मंत्री जी, एक-एक पल भारी है. कृपया बताएं, किसानों से क्या वादा किया गया था और उसे निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?"
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किसान को उसका हक क्यों नहीं?
कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने किसानों के प्रति सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि किसानों से संवाद क्यों नहीं हो रहा है. हम उन्हें पुरस्कृत करने के बजाय उनके अधिकार भी नहीं दे रहे हैं. पिछले साल भी आंदोलन था और इस साल भी है. ऐसा क्यों?"
विकसित भारत का सपना, लेकिन किसान परेशान
जगदीप धनखड़ ने भारत के विकास और किसानों की समस्याओं के बीच की विडंबना पर सवाल उठाते हुए कहा, भारत आज विश्व में बुलंदी पर है.
हमारा प्रधानमंत्री दुनिया के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है. लेकिन ऐसा होने के बावजूद किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? यह सवाल बहुत गंभीर है और इसे हल्के में लेना बड़ी भूल होगी."
किसानों के मुद्दे पर पॉलिसी मेकिंग पर निशाना
उन्होंने यह भी कहा कि नीतियों में बदलाव की जरूरत है. "हमारी पॉलिसी मेकिंग सही दिशा में नहीं है. किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य देने की बातें तो की जाती हैं, लेकिन इन्हें अमल में लाने में हम पीछे हैं."
किसानों की समस्याओं का समाधान जरूरी
इससे पहले भी उपराष्ट्रपति ने किसानों की अहमियत को कहा था कि भारत के विकास का रास्ता खेतों से होकर जाता है. उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें यह चिंतन करना होगा कि आगे का रास्ता सही हो. किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान होना चाहिए."
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