ऐसा क्या हुआ कि वोटिंग के तुरंत बाद BJP ने हजारीबाग से अपने सांसद जयंत सिन्हा को थमाया नोटिस?

पहले टिकट बंटवारें के बीच जयंत सिन्हा का बीजेपी के अलाकमान से चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध. फिर उनके बेटे आशीर का पिछले दिनों में कांग्रेस का दामन थामना.

NewsTak

अभिषेक

• 11:03 AM • 21 May 2024

follow google news

Jayant Sinha: बीजेपी ने सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद जयंत सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी ने उनसे चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लेने को लेकर पार्टी की छवि 'खराब' करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा. दरअसल 20 मई को हजारीबाग में वोटिंग थी. जयंत सिन्हा पार्टी के प्रचार में भी शामिल नहीं हुए थे और वोट देने भी नहीं गए. जिसके बाद ये नोटिस जारी की गई. बता दें कि, जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे हैं. वो हजारीबाग से सांसद है लेकिन इस बार उन्होंने पार्टी आलाकमान से चुनाव न लड़ने की इच्छा जताई थी जिससे मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया. 

Read more!

'पार्टी की छवि हुई है धूमिल, 2 दिन में दीजिए जवाब' 

राज्यसभा सांसद और प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने जयंत सिन्हा को पत्र लिखते हुए कहा हैं कि, 'लोकसभा चुनाव में जब से हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को प्रत्याशी बनाया गया है. तभी से आप न तो प्रचार-प्रसार और न ही पार्टी के कार्यों में रुचि नहीं ले रहे हैं. इसके साथ-साथ आपने मतदान भी नहीं किया. उन्होंने लिखा आपके इस रवैये से पार्टी की छवि धूमिल हुई है. आदित्य साहू ने जयंत सिन्हा के इस रवैये पर 2 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. 

चुनावी दायित्वों से मुक्त करने का किया था अनुरोध 

बीजेपी में जब टिकट बंटवारें की घोषणा होने वाली थी उससे कुछ समय पहले ही जयंत सिन्हा ने पार्टी आलाकमान से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध किया था. 2 मार्च को सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'वह आर्थिक और शासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखेंगे और अपने प्रयासों को ‘भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने’ पर केंद्रित करना चाहते हैं. पार्टी ने उनके इस बात को स्वीकार किया और मनीष जायसवाल को हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया. हालांकि ये बात भी कही जा रही थी कि, उन्हें अपने टिकट कटने का अंदेशा हो गया था इसीलिए उन्होंने पहले ही पल्ला झाड़ लिया. 

'बेटा कांग्रेस में, पिता कर रहे बीजेपी का विरोध'

पहले टिकट बंटवारें के बीच जयंत सिन्हा का बीजेपी के अलाकमान से चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध. फिर उनके बेटे आशीर का पिछले दिनों में कांग्रेस का दामन थामना. और जयंत सिन्हा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का खुलकर बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल का विरोध करना. कुछ न कुछ खिचड़ी पकने का अंदेशा दे रहा है. वैसे आपको बता दें कि, यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. वो पिछले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार भी बने थे. हालांकि उन्हें जीत नहीं मिली थी. 

    follow google newsfollow whatsapp