Rajasthan News: राजस्थान में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे से हड़कंप मच गया. ED ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर रेड की. सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ED का समन मिला. पर इससे कहीं ज्यादा चर्चे में रहा सचिन पायलट का आक्रामक रुख. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पहले ट्वीट कर गहलोत सरकार का खुलकर समर्थन किया. फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. ऐसे में सवाल खड़ा हुआ कि क्या कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद अब सुलझ चुका है?
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गहलोत के बेटे का नाम लेकर पायलट ने किया बचाव
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे अर्से से विवाद के चर्चे हैं. पर गुरुवार को नजारा बदला हुआ था. ED की रेड और समन के बाद गहलोत सरकार के बचाव में उतरे पायलट ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी के बेटे वैभव गहलोत को समन दिया गया है. वैभव ने खुद कहा कि ये 12 साल पुराना प्रकरण था. पॉलिटिकल वैपन की तरह एजेंसी का इस्तेमाल हो रहा है.’
क्या राजस्थान में एकजुट हो गई है कांग्रेस?
पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस तो शायद इसी ओर इशारा कर रही है. पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और आलाकमान यानी गांधी परिवार ने इस दिशा में काफी काम किया है. कुछेक अपवाद छोड़ दें, तो अशोक गहलोत और पायलट के करीबी लोगों के नाम राजस्थान चुनावों के लिए जारी हो रही लिस्ट में शामिल हैं. CM गहलोत पायलट को हाईकमान कहते हुए उन्हें सम्मान दिया है और पार्टी के हर फैसले में उनके शामिल होने की बात की. पिछले दिनों में चाहे वो चुनावी रैली हो या प्रेस-कांन्फ्रेंस दोनों के बीच एक कोऑर्डिनेशन देखने को मिल रहा है. अब दोनों की जुगलबंदी असली है या सिर्फ चुनावी मजबूरी, ये आने वाला वक्त बताएगा.
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