कौन हैं बिहार के बाहुबली अनंत सिंह जिनके जेल से आने की है खूब चर्चा, किसे पहुंचाएंगे फायदा?

बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह बेउर जेल से बाहर आने के बाद फिर चर्चा में आ गए हैं. राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने उन्हें 15 दिनों की पैरोल पर रिहा किया है. बता दें कि मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को चुनाव होने हैं. ऐसे में उनका जेल से बाहर आना काफी अहम माना जा रहा है

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शुभम गुप्ता

• 02:25 PM • 06 May 2024

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Anant Kumar Singh: बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह बेउर जेल से बाहर आने के बाद फिर चर्चा में आ गए हैं. राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने उन्हें 15 दिनों की पैरोल पर रिहा किया है. बता दें कि मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को चुनाव होने हैं. ऐसे में उनका जेल से बाहर आना काफी अहम माना जा रहा है. आइए जानते हैं कौन हैं अनंत सिंह ?

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कौन हैं अनंत सिंह?

अनंत सिंह छोटे सरकार के नाम से जाने जाते हैं. मोकामा से चार बार विधायक रहे हैं.  बाहुबली से नेता बने अनंत सिंह जदयू और राजद दोनों ही दलों से विधायक बन चुके हैं. 2005 में पहली बार जदयू की ओर से मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर पहली बार सिंह विधायक बने. 2015 में अनबन के बाद उन्होंने जदयू छोड़ दी.2020 में वे राजद की टिकट से चुनाव लड़े.

अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण और जमीन कब्जा करने के कई मामले दर्ज हैं. 2015 में उन्हें हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया. साल 2022 में घर में एके 47 जैसे हथियार रखने के मामले में उन्हें 10 साल की सजा हुई.

पैरोल मिलने पर जेल से बाहर आने के बाद अनंत कुमार अपने मोकामा में स्थित पैतृक घर पहुंचे. अनंत यहां से चार बार के विधायक रहे हैं. लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराया गया था. हालांकि, बाद में उनकी पत्नी नीलम देवी ने यहां से उपचुनाव जीता. हाल ही में उनकी पत्नी राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गई हैं.

जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह को लेकर बोले कि ललन 5 लाख से ज्यादा वोटों से जीतने वाले हैं. कहा जाता है कि अनंत का वर्चस्व मोकामा के बाहर तक है. अनंत की पैरोल को मुंगेर में ऊंची जाति के भूमिहारों को NDA के पक्ष में एकजुट करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

मुंगेर में अनंत का दबदबा

मुंगेर लोकसभा सीट पर एनडीए ने ललन सिंह पर फिर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है. राजद प्रमुख लालू यादव ने इस सीट पर बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया है. महतो की बात करें तो उन्हें समाज और राजनीति में ऊंची जाति के प्रभुत्व का कट्टर आलोचक माना जाता है. अशोक महतो भी कुछ दिन पहले ही जेल से बाहर आए हैं.

अनंत सिंह के जेल से बाहर आने के बाद ललन सिंह को उनसे काफी उम्मीदें होंगी. अनंत सिंह न सिर्फ मोकामा में बल्कि पूरे मुंगेर लोकसभा सीट पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं, जिसका फायदा ललन सिंह को मिल सकता है.

2019 लोकसभा चुनाव में ललन से हारी थीं अशोक महतो की पत्नी

2019 लोकसभा चुनाव में बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी कांग्रेस के टिकट से मुंगेर से चुनाव लड़ी थी. चुनावी मैदान में उनका सामना ललन सिंह से हुआ और हार का स्वाद चखना पड़ा. 2020 विधानसभा चुनाव में अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए राजद के टिकट से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की थी.

कभी नीतीश के तो कभी लालू के करीबी रहे अनंत सिंह

2004 लोकसभा चुनाव के बीच नीतीश कुमार और अनंत सिंह के बीच नजदीकी देखने को मिली थी. एक बार उन्होंने नीतीश कुमार का चांदी के सिक्कों से तोलकर सम्मान भी किया था. 2015 विधानसभा चुनाव के बाद अनंत सिंह बागी और उन्होंने जेल से ही मोकामा सीट पर चुनाव लड़ा औन निर्दलीय चुनाव जीता. बाद में अनंत लालू यादव के करीबी हो गए. पिछले साल उनकी पत्नी नीलम देवी ने महागठबंधन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला और चर्चा में आ गई. उनका आरोप था कि उनके पति की जेल में हत्या की जा सकती है. कुछ महीने पहले जब नीतीश ने राजद के साथ गठबंधन तोड़ा तो नीलम देवी ने भी पाला बदल लिया.

अनंत की पैरोल पर तेज हुई राजनीति

अनंत सिंह की पैरोल पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि यहां एक ऐसी सरकार है जो खुद पैराल पर है.एक व्यक्ति की रिहाई के बारे में क्या कहा जाए. सभी जानते हैं कि बिहार में यह सरकार कैसे बनी थी. कुछ एहसानों का बदला भी चुकाना होगा.
 

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