आंध्र प्रदेश में किसे मिलेगी जीत? प्रशांत किशोर की ये भविष्यवाणी जगन मोहन रेड्डी को देगी टेंशन

आंध्र प्रदेश की राजनीति पर प्रशांत किशोर की राय या भविष्यवाणी को हल्के में नहीं लिया जा सकता. ऐसा इसलिए कि उन्होंने 2019 में जगन मोहन के लिए काम करते हुए बहुत करीब से आंध्र प्रदेश को समझा था.

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रूपक प्रियदर्शी

04 Mar 2024 (अपडेटेड: 04 Mar 2024, 03:56 PM)

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Andhra Pradesh: देश मेन लोकसभा चुनाव होने है. वहीं इस चुनाव से अलग आंध्र प्रदेश मेन दो-दो चुनाव होने है, एक लोकसभा का एक विधानसभा का. पूरे देश में ये सवाल है कि, मोदी जीतेंगे या राहुल गांधी, मोदी को रोक लेंगे. वहीं आंध्र प्रदेश में सवाल ये है कि, क्या वाईएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी 2019 जैसी अपनी धमाकेदार जीत फिर से रिपीट करेंगे या नहीं. 2019 में जगन मोहन ने विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में जीतकर डबल धमाका किया था. तब जगन की जीत के आर्किटेक्ट माने गए थे इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर यानी PK जिन्होंने जगन के लिए चुनावों में काम किया था. वैसे तो प्रशांत किशोर अब किसी के लिए इलेक्शन मैनेजर का काम तो नहीं करते लेकिन देश के चुनावों पर अक्सर अपनी राय और भविष्यवाणियां करते रहे हैं. 

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जगन मोहन रेड्डी का हो जाएगा पतन: पीके 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के ‘हैदराबाद डॉयलॉग्स में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश के चुनावों पर एक बहुत बड़ी भविष्यवाणी की है. प्रशांत किशोर ने कहा हैं कि, आगामी चुनाव में जगन मोहन रेड्डी न केवल हार जाएंगे बल्कि उनका पतन भी हो जाएगा.' उन्होंने पांच साल में कोई प्रमुख काम नहीं किया. PK कहते हैं कि, 'जगन का हाल भी केसीआर के जैसा हो सकता है.' प्रशांत किशोर ने ये भविष्यवाणी करते हुए ये स्पष्ट किया कि, 'उनके पास कोई डेटा नहीं है लेकिन उनका मन कह रहा है कि इस बार जगन मोहन की हार बड़ी होगी.'

वैसे प्रशांत किशोर ने जगन की हार की भविष्यवाणी करते हुए टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू के जीतने की ओर इशारा भी किया है. हालांकि ये भी एक सच है कि, प्रशांत किशोर दिसंबर में चंद्रबाबू नायडू से मिलने आंध्र प्रदेश आए थे. तब ये हल्ला शुरू हुआ था कि, वो टीडीपी को चुनाव जिताने के लिए नायडू के साथ मिलकर काम करेंगे. हालांकि हो-हल्ला के बाद भी ये बात आगे बढ़ी नहीं और पीके फिलहाल ऑफिशियली किसी के साथ काम नहीं कर रहे हैं. 

पीके अब ऐसा नोट हैं जिसकी कोई वैल्यू नहीं: YSRCP

आंध्र प्रदेश की राजनीति पर प्रशांत किशोर की राय या भविष्यवाणी को हल्के में नहीं लिया जा सकता. ऐसा इसलिए कि उन्होंने 2019 में जगन मोहन के लिए काम करते हुए बहुत करीब से आंध्र प्रदेश को समझा था. इस बयान के बाद जगन मोहन की पार्टी YSRCP ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्टी के नेता कह रहे हैं कि, प्रशांत किशोर अब ऐसा नोट हैं जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. प्रशांत किशोर गट्स दिखा रहे हैं लेकिन उनकी भविष्यवाणियां हिमाचल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में गलत साबित हो चुकी हैं. वो अब बिहार में राजनीतिक पार्टी चला रहे हैं.

क्या कहते हैं आंध्र प्रदेश के ओपिनियन पोल

हाल के दिनों में प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी से ओपिनियन पोल के अनुमान थोड़े मिलते-जुलते नजर आए है. हालांकि आंध्र प्रदेश पर ओपिनियन पोल बंटा हुआ है. फरवरी में इंडिया टुडे के 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि, लोकसभा में YSRCP को आठ और TDP को 17 सीटें मिलेंगी. 'टाइम्स नाऊ-मैटराइज्ड सर्वे' का अनुमान इससे उलट है. इस सर्वे के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में जगन मोहन ही बाजी मारेंगे. इस सर्वे में YSRCP को 19 और TDP-जनसेना अलायंस को छह सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं दिसंबर से जनवरी के बीच किए ओपिनियन पोल में ELECSENSE ने अनुमान लगाया कि, विधानसभा चुनाव जगन मोहन ही जीतेंगे. 224 सीटों की विधानसभा में YSRCP को 122 सीटें मिलेंगी और टीडीपी-जनसेना अलायंस को 53 सीटें मिल सकती हैं. 

  YSRCP TDP+ CONG BJP
India Today MOTN 08 17 00 00
Times Now 19 06 00 00
ELESCENSE(Assembly Polls) 122 53 00 00

ओपिनियन पोल, सर्वे और अनुमानों के बाद भी आंध्र प्रदेश का चुनाव अभी भी फंसा हुआ है. इस बात की भी चर्चा तेज है कि, टीडीपी-बीजेपी का अलायंस होने जा रहा है. जनसेना का बीजेपी से अलायंस चल रहा है लेकिन बीजेपी और टीडीपी का अलायंस फंसा हुआ है. सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सामने नहीं आने के कारण अभी तक कन्फर्मेशन नहीं है कि अलायंस होगा भी या नहीं. कांग्रेस के साथ बीजेपी भी आंध्र प्रदेश में ताकत नहीं मानी जा रही है. लेकिन अलायंस होने से चुनाव में समीकरण बनते-बिगडते रहे हैं. 

 

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