Rahul Gandhi-Nirmala Sitharaman: कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 29 जुलाई को लोकसभा में बजट पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को घेरने की कोशिश की. उन्होंने अपने संबोधन में पिछड़ा वर्ग, मध्यम वर्ग और जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया. इस बीच भाषण में राहुल ने वित्त मंत्री की ओर इशारा करते हुए कि फाइनेंस मिनिस्टर मुस्कुरा रही हैं. लेकिन ये कोई हंसने की बात नहीं है. दरअसल राहुल जातीय जनगणना को लेकर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि देश के सभी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. अगर हमारी सरकार आएगी तो हम जातीय जनगणना जरूर करवाएंगे.
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'ये मुस्कुराने वाली बात नहीं है'
राहुल गांधी ने कहा कि 20 अफसरों ने बजट को तैयार किया है उनके नाम मेरे पास हैं. उन लोगों ने हिंदुस्तान का हलवा बांटने का काम किया है. सर उन 20 लोगों में से 90 पर्सेंट लोगों में से सिर्फ दो हैं. एक माइनॉरिटी, एक ओबीसी और इस फोटो में एक भी नहीं है. 'फोटो में आपने पीछे कर दिया. फोटो में तो आने ही नहीं दिया.' मैं चाहता था कि बजट में जातीय जनगणना की बात हो. देश के सभी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो. 95 पर्सेंट लोग जाति जनगणना चाहते हैं.
दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग, गरीब जनरल कास्ट और माइनॉरिटी सब जाति जनगणना चाहते हैं क्योंकि सब लोगों को पता लगाना है कि हमारी भागीदारी कितनी है और हिस्सेदारी कितनी है. मगर सर मैं देख रहा हूं सरकार हलवा बांटती जाती है और बांटता कौन है वो ही 2-3 पर्सेंट लोग और बंटता किसको है वो ही 2-3 पर्सेंट लोग.'
इस दौरान राहुल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर इशार करते हुए कहा कि फाइनेंस मिनिस्टर मुस्कुरा रही हैं ये हंसने की बात नहीं है, ये जातीय जनगणना है इससे देश बदल जाएगा.
ओम बिरला ने राहुल को रोका!
राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान एक फोटो भी सदन में दिखाने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें मना कर दिया और कहा कि फोटो को सदन में नहीं दिखाया जाना चाहिए इसकी इजाजत नहीं है. राहुल ने कहा कि इस फोटो में बजट का हलवा बांटा जा रहा है. मुझे इसमें एक भी ओबीसी, आदिवासी या दलित अधिकारी नजर नहीं आ रहा. देश का हलवा बंट रहा है और 73% है ही नहीं.
'21वीं सदी में नया 'चक्रव्यूह' रचा गया'
राहुल गांधी ने संबोधन के दौरान कहा कि कमल के रूप में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वही भारत के साथ किया जा रहा है. देश के युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय के लोगों के साथ भी वही किया जा रहा है जो हजारों साल पहले अभिमन्यु के साथ किया गया था. इस चक्रव्यूह का चिन्ह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छाती पर लेकर चलते हैं. उन्होंने कहा कि आज भी 'चक्रव्यूह' के केंद्र में छह लोग हैं. आज भी छह लोग इसे नियंत्रण करते हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी.
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