2024 में तीसरी बार जीत को लेकर क्यों कॉन्फिडेंट हैं PM मोदी? खुद बताई इसकी बड़ी वजहें

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मेरे लिए सीटों की गिनती से ज्यादा जनता-जनार्दन के दिलों को जीतना प्राथमिकता में रहा है. मैं दिल जीतने के लिए मेहनत करता हूं तो जनता ही मेरी झोली भर देती है’.

PM Narendra Modi
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अभिषेक

17 Dec 2023 (अपडेटेड: 17 Dec 2023, 05:51 AM)

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PM Narendra Modi: तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत, आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर सर्वोच्च अदालत की मुहर और अगले महीने होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, इन्हीं सब के दरमियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दैनिक जागरण को एक इंटरव्यू दिया है. उन्होंने इन सभी मुद्दों पर बहुत तफसील से बात की है. आइए विस्तार से बताते हैं क्या-क्या कहा पीएम मोदी ने.

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‘पहले ही टेस्ट में फेल हो गया विपक्षी गठबंधन INDIA’

3 बड़े राज्यों में जीत पर पीएम मोदी ने कहा कि इस चुनाव को हमें दो मायनों पर समझना चाहिए. पहला ये कि अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं. ये चुनाव उससे ठीक पहले हुआ है और नतीजे सबके सामने हैं. यह पहला ऐसा चुनाव हुआ जबसे विपक्ष ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) बनाया है. उनके लिए ये पहला टेस्ट था और पहले ही टेस्ट में जनता ने उन्हें बुरी तरह फेल कर दिया. जनता ने अस्थिरता और स्वार्थ की राजनीति को नकारते हुए राष्ट्र हित में स्थिर, स्थाई और सेवभाव से समर्पित सरकार के लिए जनादेश दिया. ये नतीजे दिखाते हैं कि 2024 के चुनाव में भाजपा एकबार फिर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है.

उन्होंने आगे कहा कि, ‘मेरे लिए सीटों की गिनती से ज्यादा जनता-जनार्दन के दिलों को जीतना प्राथमिकता में रहा है. मैं दिल जीतने के लिए मेहनत करता हूं तो जनता ही मेरी झोली भर देती है’.

भाजपा ने अनजान चेहरों को क्यों बनाया मुख्यमंत्री?

पीएम मोदी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि, जैसे किसी भी सेक्टर में कोई नाम बड़ा हो जाता है या किसी ने अपनी खूब ब्रांडिंग कर दी तो बाकी अन्य लोगों पर ध्यान ही नहीं जाता चाहे वो कितने ही प्रभावशाली क्यों ही न हों, कितना भी अच्छा काम क्यों ही न करते हों. ठीक वैसा ही राजनीतिक क्षेत्र में भी है. दुर्भाग्य से मीडिया का फोकस कुछ ही परिवारों पर सर्वाधिक रहा है. इसी वजह से नए लोगों के प्रतिभा की चर्चा नहीं हो पाती, और जब वे चेहरे हमारे सामने आते हैं तो नए लगते है जबकि वे नए नहीं होते. उनकी अपनी तपस्या और अनुभव होता है. बीजेपी एक काडर बेस्ड पार्टी है और पार्टी के कार्यकर्ता कितने भी आगे क्यों न पहुंच जाए, लेकिन उनके भीतर का कार्यकर्ता हमेशा जगा रहता है.

ब्रह्मांड की कोई शक्ति आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती: पीएम मोदी

आर्टिकल 370 पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि, सर्वोच्च अदालत ने ये स्पष्ट कर दिया हैं कि एक देश में दो विधान नहीं चल सकता. कुछ परिवारवादियों ने जम्मू -कश्मीर को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए अबतक इस्तेमाल किया था. वहां की जनता इसका हिस्सा कभी नहीं रही और ना ही बनना चाहती. आर्टिकल 370 का हटना वहां के लोगों के जीवन को सुगम बनाने और विकास के लिए बहुत जरूरी था. इसके हटने के बाद से ही वहां टेररिस्ट नहीं बल्कि टूरिस्ट का मेला है. पत्थरबाजी नहीं बल्कि फिल्मों की शूटिंग होती है. वहां सिनेमाहाल चल रहे है जिसे वहां के लोग पसंद कर रहे हैं. आज भी कुछ लोग 370 को लेकर कुछ भ्रम फैला रहे हैं तो मैं उनसे दो टूक कहना चाहूंगा कि, अब ब्रह्मांड की कोई शक्ति आर्टिकल 370 की वापसी नहीं करा सकती.

‘देश के 140 करोड़ हृदयों की खुशी का अवसर है राम मंदिर का बनना’

अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर पर पीएम मोदी ने तुलसीदास के एक दोहे को पढ़ते हुए कहा कि प्रभु श्री राम के दर्शन से जीवन सफल हो जाता है. मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस पवित्र कार्य में शामिल होने का अवसर मिला है. मैं इस पल में एक प्रधानसेवक के बजाय एक सामान्य नागरिक हूं, जो किसी गांव में बैठा है और इसकी अनुभूति कर रहा है, मेरे मन में भी उतना ही आनंद और संतोष है. ये खुशी सिर्फ मोदी की नहीं हैं बल्कि पूरे देश और 140 करोड़ लोगों की खुशी है. मेरे लिए 22 जनवरी का ये अवसर ‘हर घर अयोध्या, हर घर राम’ आने का है.

उत्तर-दक्षिण भारत के चुनाव में विभाजन?

कांग्रेस को तेलंगाना में जीत मिली है. फिर चर्चा चली की उत्तर और दक्षिण भारत की सियासत अलग है. बीजेपी दक्षिण में कुछ खास नहीं कर पा रही. पर पीएम मोदी ने कहा कि, भारत के लोग किसी भी प्रकार के भेदभाव में यकीन नहीं रखते हैं. और सच बताऊं तो देश के आम जनमानस के बीच इस प्रकार की कोई बहस है ही नहीं. ये विशुद्ध रूप से ‘घमंडिया गठबंधन’ की ओर से फुलाया हुआ गुब्बारा है.’ उन्होंने आगे कहा कि जिनके पास कोई विचारधारा नहीं होती, जनहित के लिए कोई सार्थक विचार नहीं होते ऐसी सूरत में विभाजन की सोच घमंडिया गठबंधन पर हावी होना स्वभाविक है. ये लोग सत्ता में आने के लिए कुछ भी करने का प्रयास कर रहे है. इनके लिए देश का भविष्य कोई मायने नहीं रखता, ये लोग बस अपने बच्चों के भविष्य के लिए सरकार पर कब्जा चाहते हैं.

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