पंजाब में कांग्रेस-AAP की करीबी को काउंटर करने के लिए फिर अकालियों के साथ आयेगी BJP?

कांग्रेस ने भी INDIA अलायंस में सीट शेयरिंग पर एक्शन शुरू कर दिया है. पंजाब कांग्रेस के नेताओं की राय ली गई कि, आप के साथ अलायंस का क्या करना है. आप नेताओं के सॉफ्ट होने के बाद भी कांग्रेस के मन में शायद कुछ और ही चल रहा है.

INDIA Alliance
INDIA Alliance

रूपक प्रियदर्शी

• 11:37 AM • 05 Jan 2024

follow google news

INDIA Alliance: लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार की तुलना में पंजाब छोटा राज्य है. राज्य में लोकसभा की 13 सीटें है, लेकिन इन सीटों के लिए जोरदार जोर-आजमाइश चल रही है. पंजाब की दिग्गज पार्टियां कांग्रेस, आप, अकाली दल और बीजेपी सभी अकेले चुनाव लड़ने से घबरा रहा है. आम आदमी पार्टी(आप) के केजरीवाल-भगवंत मान ने बिना कांग्रेस को साथ लिए 13 सीटें लड़ने का दावा भी ठोंका लेकिन अब उनके तेवर सॉफ्ट हो गए है. बीजेपी और अकाली दल भी इगो की लड़ाई में अलग-अलग हुए, लेकिन अब खबर है कि दोनों का तालमेल बैठ गया है.

Read more!

कांग्रेस ने भी INDIA अलायंस में सीट शेयरिंग पर एक्शन शुरू कर दिया है. पंजाब कांग्रेस के नेताओं की राय ली गई कि, आप के साथ अलायंस का क्या करना है. आप नेताओं के सॉफ्ट होने के बाद भी कांग्रेस के मन में शायद कुछ और ही चल रहा है. आप से गठबंधन का लगातार विरोध कर रहे पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वरिंग दावा कर रहे हैं कि, पार्टी हाईकमान ने 13 सीटों पर लड़ने की तैयारी के लिए कहा है. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा लेकर पंजाब गए थे, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा 2.0 के रूट में पंजाब नहीं है.

पंजाब को लेकर कांग्रेस कॉन्फिडेंट है या होपलेस?

बात 2019 के चुनाव की करें तो प्रदेश में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. केरल, तमिलनाडु के बाद पंजाब ही ऐसा राज्य था, जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली थी. पंजाब में कांग्रेस ने बीजेपी, अकाली, आप को हराकर 8 सीटें जीती थी. प्रचंड बीजेपी लहर के बाद भी 2017 में अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की सरकार भी बनवाई थी. वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी-अकाली सबकी दुर्गति हुई थी. केजरीवाल की आप ने सबको पीछे छोड़कर करिश्माई बहुमत हासिल किया था.

कांग्रेस का मखौल उड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ते पंजाब सीएम मान

‘एक थी कांग्रेस’- ऐसा कहते हुए पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान कांग्रेस का मजाक उड़ाने का कोई मौका नहीं चूकते, लेकिन अब केजरीवाल कह रहे हैं कि, INDIA अलायंस में जैसे कहा जाएगा हम वैसे ही चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. पंजाब में बहुत अच्छी पोजिशन के बाद भी आप को लग रहा है कि, प्रदेश में अकेले लड़ने से बचना ही समझदारी है.

क्या अकाली दल बनेगी बीजेपी का सहारा?

अकाली दल बीजेपी के गठबंधन एनडीए के सबसे पुराने पार्टनर्स में से एक थी. लेकिन पार्टी ने मोदी सरकार के तीन किसान कानूनों से नाराज होकर एनडीए से रिश्ता तोड़ लिया. वहीं सुखबीर बादल ने छाती ठोंककर शपथ ली थी कि, बीजेपी के साथ कभी नहीं जाएंगे, लेकिन आप के पंजाब में बड़ी ताकत बनने के बाद सबको आटे-दाल का भाव समझ आ गया है. प्रदेश में बीजेपी, अकाली दल से अलग होकर कांग्रेस से पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह से अलायंस करके विधानसभा चुनाव लड़ी थी. हालांकि चुनाव में दोनों की दुर्गति हुई.

10 साल से मोदी, बीजेपी की देश में लहर चल रही है, लेकिन पंजाब तक आज तक ये लहर नहीं पहुंची. हालात ने बीजेपी को मजबूर किया है कि, अकाली दल जैसे रूठे पुराने मित्रों को मनाया जाए और साथ लाया जाए. वैसे कुछ समय से बीजेपी में एक नई पॉलिसी बनी है, पॉलिसी ये है कि, जो पहले साथ थे उनको फिर से वापस लाया जाए और अकाली दल भी इसी लिस्ट में आता है.

    follow google newsfollow whatsapp