MP की इन 9 सीटों पर सपा, जेडीयू, AAP यानी ‘INDIA वाले’ ही बिगाड़ेंगे कांग्रेस का खेल?

एमपी में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने 70, नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने 10 और समाजवादी पार्टी (सपा) ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं.

Priyanka Gandhi with Kamalnath

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अभिषेक

30 Oct 2023 (अपडेटेड: 31 Oct 2023, 07:26 AM)

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Madhya Pradesh Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के पार्टनर ही आपस में लड़ते दिख रहे हैं. कई ओपिनियन पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजपी) और कांग्रेस के बीच बताया जा रहा है. पर यहां मैदान में कांग्रेस के अलावा INDIA अलायंस के दूसरे साथी भी ताल ठोक रहे हैं. कुछ जगहों पर तो मामला ऐसा बनता नजर आ रहा है कि इनकी वजह से कांग्रेस का भी नुकसान हो सकता है. ऐसी करीब 9 सीटें हैं, जहां कांग्रेस 2018 के चुनाव में बेहद कम मार्जिन से जीती थी. इन सीटों पर अब उसके सामने बीजेपी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP), समाजवादी पार्टी (सपा) या जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के भी उम्मीदवार हैं.

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एमपी में अरविंद केजरीवाल की AAP ने 70, नीतीश कुमार की जेडीयू ने 10 और अखिलेश की सपा ने फिलहाल 40 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं. पिछले दिनों यहां गठबंधन नहीं होने को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच तीखी जुबानी जंग भी देखने को मिली थी.

92 सीटों पर कांग्रेस के सामने BJP संग INDIA अलायंस की पार्टियों के भी उम्मीदवार

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एमपी में तकरीबन 92 ऐसी सीटें है जहां सपा, AAP और जेडीयू उम्मीदवार लड़ रहे हैं. इन सीटों पर कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी के साथ इनसे भी है.

पर इन 9 सीटों में तो फंसेगा गजब का पेच!

एमपी में 2018 के चुनावों में 15 सीटें ऐसी थीं जहां कांग्रेस की जीत और हार का मार्जिन बहुत कम था. ग्वालियर साउथ, पिछोर, पृथ्वीपुर, राजनगर, छतरपुर, दमोह, गुन्नौर, जबलपुर उत्तर और पेटलावद ऐसी सीटें है जहां कांग्रेस कम मार्जिन से चुनाव जीती थी. वहीं चंदला, नागौद, मैहर, सिंगरौली, इंदौर-5 और जबेरा ऐसी सीटें थी जहां पार्टी बहुत कम मार्जिन से हारी थी.

अब उन 9 सीटों पर, जिनपर कांग्रेस का जीत का मार्जिन कम था, उस सियासी खेल को समझिए. ये सीटें ऐसी हैं, जहां से इस चुनाव में सपा, जेडीयू या AAP ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में अगर यहां क्लोज फाइट रही, और INDIA अलायंस के इन घटक दलों ने कांग्रेस के ही वोट तोड़ दिए, तो पार्टी के लिए मुश्किल हो सकती है.

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