Phalodi satta bazar: बीतें 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) के मतदान के बाद अब 3 दिसम्बर को होने वाली मतगणना का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा हैं. लेकिन देश के प्रमुख सट्टा बाजार फलौदी (Phalodi satta bazar) में मतदान के बाद किसकी सरकार बनेगी या कौन जीतेगा, इसको लेकर जबरदस्त सरगर्मियां तेज देखी जा रही हैं. राजस्थान तक ने ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान एक दर्जन से ज्यादा सटोरियों से बात की. जो चुनाव परिणाम को लेकर लगभग एकमत थे.
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सटोरियों का कहना है कि राजस्थान में बीजेपी सरकार आने की संभावना है. जबकि मध्यप्रदेश में एक बार फिर बीजेपी और छतीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रिपीट होने का दावा किया. बाजार के मुताबिक वसुंधरा राजे के ही मुख्यमंत्री बनने की संभावना है.
500 सालों से चल रहा है बाजार, करोड़ों का लगता है सट्टा
गौरतलब हैं कि देश में एक ऐसा प्रमुख सट्टा बाजार फलौदी हैं, जहां पर पिछले 450 – 500 सालो से करोड़ों रुपए का सट्टा का व्यापार किया जाता है. फलोदी के प्रमुख सट्टा बाजार में इस बार राजस्थान में पुरानी परंपरा की तर्ज पर ही एक बार फिर बीजेपी सरकार की बात कही जा रही है. फलोदी सट्टे बाजार के अनुमान के मुताबिक राजस्थान में भाजपा को 120 से 122 सीटें व कांग्रेस को 65 से 70 सीट आने की संभावना व्यक्त की है. जबकि मध्यप्रदेश में दोनो प्रमुख पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना की जा रही हैं. जहां बीजेपी को 115-117 सीटें वहीं कांग्रेस को 114 से 116 सीटें आने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
कांग्रेस की बढ़ी बैचेनी!
इस बीच पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख सट्टा बाजार फलौदी बीकानेर सहित अन्य सट्टा बाजार से निकली खबर में वर्तमान में कांग्रेस सरकार की बेचैनी बढ़ा दी हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में उनकी सरकार रिपीट होने का दावा किया था, लेकिन सट्टा बाजार के मुताबिक राजस्थान में वही रिवाज जारी रहने की संभावना है. कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओ में दिव्या मदेरणा, मानवेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, सोनाराम चौधरी, अमीन खांन और मेवाराम जैन काफी संघर्ष की स्थिति में हैं और पोकरण से विधायक और मंत्री सालेह मोहम्मद की स्थिति काफी कमजोर बताई जा रही हैं. जबकि बाड़मेर के शिव में भाजपा के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी की स्थिति काफी मजबूत बताई जा रही हैं.
Disclaimer: इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे रुझानों को दिखाना है. राजस्थानक इन दावों का समर्थन नहीं करता है. नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं. सट्टा खेलना कानूनन अपराध है.
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