गाय के गोबर से बनाया गया अद्भुत मंदिर, 35 फीट की हनुमानजी की प्रतिमा भी की गई स्थापित, देखें

Rajasthan News: देश में महंगी धातुओं से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का प्रचलन बढ़ रहा है. मंदिरों के गर्भगृह में भगवान के स्वरूपों को स्थापित करने के लिए उनके अनन्य भक्त सोने, चांदी, अष्टधातु समेत अलग-अलग महंगी धातुओं से मूर्तियां बनवाते हैं. लेकिन राजस्थान के जयपुर में हनुमान जी का एक ऐसा स्वरूप स्थापित है […]

NewsTak

विशाल शर्मा

• 09:28 AM • 15 Feb 2023

follow google news

Rajasthan News: देश में महंगी धातुओं से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का प्रचलन बढ़ रहा है. मंदिरों के गर्भगृह में भगवान के स्वरूपों को स्थापित करने के लिए उनके अनन्य भक्त सोने, चांदी, अष्टधातु समेत अलग-अलग महंगी धातुओं से मूर्तियां बनवाते हैं. लेकिन राजस्थान के जयपुर में हनुमान जी का एक ऐसा स्वरूप स्थापित है जो न तो किसी महंगी धातु से बना है और न ही किसी ईंट, पत्थर या फिर सीमेंट से बना है. यह स्वरूप मिट्टी और गोबर से बनाया गया है जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है.

Read more!

जयपुर के बोराज गांव में भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त उत्तर मुखी हनुमानजी की 35 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित गई है. यह राजस्थान की पहली ऐसी प्रतिमा है जो गोबर और मिट्टी से बनी है. महालक्ष्मी नारायण धाम मंदिर परिसर में बनी संकटमोचन गोबरिया हनुमानजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बीते 24 जनवरी को की गई है. इस मूर्ति के आलावा 20×20 फीट का गर्भ गृह बनाया गया है, जिसमें मूर्ति 15 फीट जमीन के भीतर और 20 फुट जमीन से ऊपर है. यहीं नहीं, पुरे मंदिर पर गोबर का लेपन किया गया है और उसमें मुख्य मूर्ति की साइज 35 फीट ऊंचाई, 18 फुट चौड़ी और 4 फीट मोटाई है. इसे बनाने में 23 हजार गोबर की ईंट काम में ली गई है. वहीं अन्य प्रतिमाओं में गणेश जी की प्रतिमा सिर्फ डेढ़ फीट ऊंची और लक्ष्मीजी की प्रतिमा सिर्फ 1 फीट ऊंची है.

मंदिर के प्रेरक विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि मंदिर में गाय के गोबर और मिट्टी से मूर्ति बनाने में डेढ़ वर्ष तक का समय लगा जिसे 7 कारीगरों ने मिलकर तैयार किया है. इसमें 17 लाख रुपए का खर्चा आया है. हालांकि अभी पूरा प्रकल्प 2 करोड़ रुपए का है, जो दो साल में बनकर तैयार होगा. इसमें अभी 121 फीट की गाय के गोबर की महालक्ष्मीजी की मूर्ति सहित कई अन्य गोबर की विशाल मूर्तियां भी यहां स्थापित होंगी. हालांकि गोबर से मूर्ति बनाना और वह भी विशाल आकार में बनाना अभी तक कम सुनने में आया था लेकिन यह सपना साकार हुआ है. गोबर की मूर्ति का निर्माण गोभक्तों के सहयोग से किया गया है.

मंदिर प्रबंधन का दावा है कि गाय के गोबर की यह विशाल प्रतिमा 1 हजार साल तक ज्यों की त्यों बनी रहेंगी. इसके 1 हजार वर्ष की मजबूती के लिए गोबर के अलावा मैदा लकड़ी, लोहा, चूना व पत्थर आदि मिलाया गया है और सिंदूर का चोला चढ़ाया जा रहा है. साथ ही इतनी विशाल गोबर की प्रतिमा को खडी रखने के लिए उसके पीछे पिलर स्ट्रक्चर की मजबूत दीवार बनाकर उसके लिए सहारा बनाया गया है. पूरे स्ट्रक्चर को गोबर का गर्भ गृह बनाकर कवर किया गया है. अब भक्त इस अनुठे मंदिर में अपनी अर्जी लेकर आते हैं और बजरंग बली के आगे धोक लगाकर कष्ट हरण की कामनाएं करते हैं.

यह भी पढ़ें: विधायकों का नहीं था समर्थन, एक डॉक्टर के संदेश से बदली शिवचरण माथुर की किस्मत, बने CM

    follow google newsfollow whatsapp