Superstition in Bharatpur: भूत-प्रेत को लेकर आपने कई तरह की चर्चाएं सुनी होगी. गांव-गांव में इसका इलाज करने के नाम पर पाखंड भी खूब नजर आता है. ऐसा ही अंधविश्वास का एक किस्सा भरतपुर जिले में देखने को मिला. जहां मुर्गों के जरिए भूत-प्रेत का साया उतारने का दावा किया जाता है.
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दरअसल, बच्चों के मुंडन कराने और उनको नजर से बचाने के लिए जिले में कुआ वाला मेला इन दिनों हर सोमबार को आयोजित होता है. जिसमें लोग अपने बच्चों को लेकर पहुंचे और उनका मुंडन कराने के बाद मुर्गे का आशीर्वाद दिलाया जाता है और झाड़-फूंक की जाती है.
यह मेला साल में एक बार ही लगता है. जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास लगने वाले इस मेले में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं अपने छोटे बच्चों को लेकर आती है और वहां मुर्गे वाले भी खूब कमाई करते है. जो बच्चों के सिर पर मुर्गा फेरते हैं और उनको मुर्गे का आशीर्वाद दिलाते हैं. लोगों का कहना है कि मेला कुआं वाली जात के नाम से जाना जाता है. यहां आने का मकसद यही है कि बच्चों को किसी भी तरह की बुरी नजर से सुरक्षित रखा जाए.
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