लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के बदमाशों को विदेश भगाने के लिए खोजी ये तरकीब, अब पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपी

चूरू के सरदारशहर में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. यह गिरोह लोरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग के सदस्यों की मदद करता था.

NewsTak

विजय चौहान

• 06:59 PM • 07 May 2024

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चूरू के सरदारशहर में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. यह गिरोह लोरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और रोहित गोदारा गैंग के सदस्यों की मदद करता था. लेकिन यह मामला तब खुला जब विदेश में बैठे अपराधी महेंद्र डेलाणा ने चूरू (Churu News) के स्थानीय लोगों से रंगदारी मांगी. महेंद्र डेलाणा से जुड़े इस मालमे की जांच करने के दौरान पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. चारों आरोपी महेंद्र जैसे कई बदमाशों को विदेश भगाने में मदद करते थे. इसके लिए वह फर्जी पासपोर्ट तैयार करते थे. 

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बता दें कि सवाईबास डेलाणा निवासी महेंद्र सारण उर्फ महेंद्र डेलाणा का लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा गैंग से संपर्क था. जब इसकी गिरफ्तारी हुई तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.

 

 

पूछताछ में सामने आया कि सीकर जिले के इन चार आरोपियों ने महेंद्र के लिए फर्जी पासपोर्ट तैयार में मदद की थी. थानाधिकारी अरविंद कुमार भारद्वाज ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि महेंद्र डेलाणा ने खुद को सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ का निवासी बताकर फर्जी पासपोर्ट बनाया था. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सीकर जिले के अलग-अलग स्थान से पासपोर्ट बनाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया.

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से लेकर आधार कार्ड होते थे तैयार

मुख्य आरोपी ओमप्रकाश पारीक को भी गिरफ्तार किया. आरोपी ओमप्रकाश फतेहपुर में पासपोर्ट बनवाने की दुकान चलाता था. जिसके लिए उसने कंप्यूटर ऑपरेटर विजय अठवाल को नौकरी पर रखा हुआ था. दुकान पर मौजूद कंप्यूटर और रंगीन प्रिंटर की मदद से मूल दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और मूल निवास आदि तैयार करते हैं. इसके बदले में लाखों रुपए लेते हैं. इसी के बाद ओमप्रकाश पारीक के बड़े अपराधियों से संपर्क का राज खुला. लक्ष्मणगढ़ के महबूब कुरैशी और सिकंदर ने पुलिस थाने में पासपोर्ट इंक्वायरी के दौरान गवाही भी दी थी. 

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