Property details about ashok gehlot and vaibhav gehlot: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) के बेटे वैभव गहलोत को ईडी का समन मिलने के बाद सियासत गरमा गई है. वैभव गहलोत (vaibhav gehlot) पर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने आरोप लगाए थे कि वैभव गहलोत ने पांच सितारा होटलों में बेनामी व्यवसाय किया है. इससे अर्जित कमाई को उनकी एक डमी कंपनी “सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड” में ट्रांसफर किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा था कि गहलोत सरकार के समय में उक्त कम्पनी “ट्राईटन होटल एंड रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड (फेयर मोन्ट होटल) को निर्माण की स्वीकृति दी गई थी.
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इन आरोपों से घिरने के बाद अब वैभव गहलोत की संपत्ति और कारोबार को लेकर चर्चा हो रही है. वहीं, इस संपत्ति को लेकर वह खुलासा भी कर चुके हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में नामांकन के दौरान उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था.
हलफनामे के मुताबिक सीएम के बेटे की संपत्ति 1 करोड़ 86 लाख रूपए है. वहीं, अगर साल 2013 से 18 तक हिसाब-किताब की बात करें तो साल 2017-18 में 9.29 लाख रुपए और 2016-17 में 9.09 लाख रुपए की आय हुई थी. इससे पहले 2015-16 में 8.40 लाख रुपए, 2014-15 में 5.78 लाख और 2013-14 में 5.34 लाख रुपए कमाई की. वैभव गहलोत लॉ ग्रेजुएट हैं.
अशोक गहलोत भी हैं करोड़पति
इधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास उनके बेटे से ज्यादा संपत्ति है. गहलोत देश के 19वें करोड़पति मुख्यमंत्री हैं. सीएम गहलोत की कुल संपत्ति 6.63 करोड़ की है, उनकी कमाई का सबसे बड़ा स्रोत उनका वेतन है. वो प्रदेश के तीसरी बार मुख्यमंत्री हैं. जबकि उनकी खुद की आय 18 लाख 56 हजार 828 रुपए है.
सीएम के बेटे पर शैल कंपनी के जरिए फंड ट्रांसफर का भी आरोप
खास बात यह है कि वैभव गहलोत की कंपनी के खिलाफ साल 2012 में भी बीजेपी ने आरोप लगाए थे. जिसके बाद साल 2015-16 में ईडी ने जांच शुरू की थी. बीजेपी ने आरोप लगाए थे कि अप्रैल 2007 में कंपनी के 100 रुपए कीमत वाले 2 लाख 27 हजार शेयर रतन और उसकी पत्नी जूही के नाम थे. इसके अलावा 14 हजार 500 शेयर भी जूही के नाम थे. जुलाई 2011 में ट्राइटन होटल्स के 2500 शेयर मॉरीशस की कंपनी शिवनार होल्डिंग्स को 39 हजार 900 प्रीमियम पर दिए गए. जिसके बाद साल 2012-13 में ट्राइटन होटल्स के शेयर की कीमत घटकर 1150 रुपए रह गई. जनवरी 2013 में ट्राइटन होटल्स के 10 हजार शेयर फिर से शिवनार होल्डिंग्स को आवंटित किए गए. आरोप है कि शिवनार होल्डिंग्स कंपनी ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया.
मीणा के आरोप हैं कि गहलोत के कारोबार का प्रबंधन देखने वाले रतनकांत शर्मा होटल फेयर मॉन्ट जयपुर और राफेल्स उदयपुर होटल के मालिक हैं. इससे पहले “सनलाईट कार रेन्टल सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड में वैभव गहलोत के साथ 50 प्रतिशत की बराबर हिस्सेदारी थी. जिसके बाद रतनकान्त शर्मा बदनीयतीपूर्वक और जानबूझकर कम्पनी से बाहर हो गए. तभी से फेयर माउंट होटल्स से करोड़ो रूपए हर साल जाली और फर्जी बिल का भुगतान सन लाइट कार रेंटल में वैभव गेहलोत को किया जा रहा है.
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