CM गहलोत ने बताया वसुंधरा राजे से क्यों नहीं होती है उनकी बातचीत, बोले- ये उनकी गलती थी

CM Gehlot said on friendship with Vasundhara Raje: राजस्थान (rajasthan news) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के एक बयान ने एक बार फिर प्रदेश की सियासत का पारा बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा, “वसुंधरा राजे (vasundhra raje) के साथ कभी मेरे बातचीत वाले संबंध नहीं रहे. वो उनकी गलती थी. जब वह 2003 के […]

CM पद से दूर वसुंधरा राजे बनेंगी गहलोत की पड़ोसी, सामने आई ये अहम जानकारी
CM पद से दूर वसुंधरा राजे बनेंगी गहलोत की पड़ोसी, सामने आई ये अहम जानकारी

राजस्थान तक

26 Aug 2023 (अपडेटेड: 26 Aug 2023, 05:21 PM)

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CM Gehlot said on friendship with Vasundhara Raje: राजस्थान (rajasthan news) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (cm ashok gehlot) के एक बयान ने एक बार फिर प्रदेश की सियासत का पारा बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा, “वसुंधरा राजे (vasundhra raje) के साथ कभी मेरे बातचीत वाले संबंध नहीं रहे. वो उनकी गलती थी. जब वह 2003 के अंदर मुख्यमंत्री बनी तो उनको लोगों ने ऐसे घेर लिया कि उन्होंने परंपराओं को खत्म करवा दिया.”

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इंडिया टुडे ग्रुप के ‘आज तक’ चैनल से बात करते हुए सीएम गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बीजेपी द्वारा साइडलाइन करने के सवाल पर कहा, “यह पूरी तरह से उनकी पार्टी का अंदरुनी मामला है. मैं उसके बारे में कोई कमेंट नहीं करूंगा. यह मेरा काम नहीं है. ये बीजेपी का काम है.”

वसुंधरा से ‘दुश्मनी’ का बताया कारण

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दुश्मनी को लेकर सीएम गहलोत ने बताया कि मैं जब चुनाव जीतकर आया तो शेखावत साहब 32 सीटों पर आ गए थे. उस वक्त में हम 156 सीट लेकर आए थे. उसके बाद मैं शेखावत साहब के घर गया. होली दिवाली पर हमारा आपस में आना जाना था. वसुंधरा राजे जब चुनाव जीत गई तो ऐसी स्थिति बन गई जैसे हम आपस में दुश्मन हों. पांच साल तक हमारी आपस में दुश्मनी ही रही. जब मैं मुख्यमंत्री बना तभी थोड़ी बहुत दुश्मनी कम हुई होगी. तभी हाय हेलो होने लग गई.”

हमारा लक्ष्य 156+ सीटों का है: CM गहलोत

सीएम गहलोत ने आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत को लेकर कहा कि लोकतंत्र में पब्लिक माई बाप होती है. इस बार पब्लिक का मूड बन गया है. जो काम हमने किए हैं उससे घर घर में यह बात पहुंच गई है कि ऐसी सरकार हमने देखी नहीं है. सरकार रिपीट करने का आमजन ने फैसला कर लिया है. पहले की परिपाटी टूट जाएगी. चाहे मोदी आए या कोई और नेता हमें कोई चिंता नहीं है. इस बार हमारा लक्ष्य 156+ सीटें जीतने का है.

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