Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक पर सीबीआई जांच करवाने की बजाय विपक्ष को ही जमकर घेर लिया. उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच से क्या होगा? कितने राज्यों में पहले सीबीआई जांच हुई है? उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब पर बोलते हुए बिना नाम लिए राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि क्या तुक है इस तरह से धरने पर बैठने का. हमारी सरकार ने क्या कमी रखी है. युवाओं के सड़कों पर आने से उनका भविष्य खराब हो रहा है. ऐसे में पक्ष-विपक्ष को मिलकर समाधान निकालना चाहिए जिससे भविष्य में पेपर लीक ना हो.
ADVERTISEMENT
इससे पहले आपको बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच होती है तो सरकार के कई मंत्रियों की पोल खुल जाएगी और सरकार धराशायी हो सकती है.
डॉक्टर मीणा कहते हैं कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली के खिलाफ पुख्ता सबूत दिए, लेकिन सरकार ने बर्खास्त कर छोड़ दिया. एसओजी के अधिकारी मोहन पोसवाल के खिलाफ सबूत दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. पेपर लीक माफिया से सरकार की साठगांठ है. मुख्यमंत्री कार्रवाई की बजाय क्लीन चिट बांट रहे हैं. मुख्यमंत्री जी पेपर लीक की तह तक जाने के लिए सीबीआई जांच ही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि सरकार के मंत्री, विधायक और अधिकारी इसमें लिप्त हैं. साथ ही वे ये भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री जी ने अपने ही अधिकारियों को क्लीन चिट दी है.
चुनावी साल में ये सब वार पलटवार देखकर मानो लग रहा है कि चुनावी चौसर की बिसात दोनों तरफ से बिछ चुकी है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री अपने बजट बाण से 2023 पर निशाना साध पाएंगे या फिर बीजेपी अपने ब्रह्मास्त्र से 2003, 2013, की तरह 2023 में सता की राजगद्दी अपने नाम करेगी.
यह भी पढ़ें: खट्टर पर जमकर बरसे गहलोत, हरियाणा के सीएम की इस बात को बताया झूठ, जानें
ADVERTISEMENT