Code of Conduct in Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election Date 2023) की घोषणा होने के बाद 9 अक्टूबर को दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आयोग ने राजस्थान समेत पांच राज्यों में विधानसभा तारीखों का ऐलान कर दिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव का ऐलान किया है.
ADVERTISEMENT
अब हर कोई जानना चाहता है कि यह आचार संहिता (code of conduct) क्या होती है और यह कब तक लागू रहती है. आइए आपको जानकारी बताते हैं.
क्या होती है आचार संहिता (what is code of conduct)
जैसे ही चुनाव आयोग विधानसभा या लोकसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करता है, वैसे ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानी आदर्श आचार संहिता लग जाती है. मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट है क्या? इसकी जरूरत क्यों पड़ती है? और इसके नियम क्या कहते हैं.
देश में लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम तैयार किए हैं. इन नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं, इन नियमों को ही मानना चुनाव में भाग ले रहे सभी राजनीतिक दलो और प्रत्याशियों के लिए अनिवार्य है. अगर कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई करता है. जैसे उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है और जरूरी होने पर अपराधिक मुकदमा भी दर्ज करवाया जा सकता है.
कब लागू होती है आचार संहिता (When does the code of conduct come into force)
आचार संहिता चुनाव के दौरान और चुनावी प्रक्रिया के दौरान लागू होती है. यह चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में मान्यता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है, जैसे कि उम्मीदवारों की पंजीकरण, मतदान, मतगणना, और परिणामों की घोषणा के समय. इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और न्यायिक बनाना होता है ताकि लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें और चुनाव निष्पक्षता और विश्वासनीयता के साथ संचालित हो सकें.
आचार संहिता को चुनावी प्रक्रिया के शुरू होने से पहले लागू किया जाता है और इसका पालन चुनावी प्रत्यायों और चुनाव प्राधिकृत अधिकारियों के द्वारा चुनाव के दिन तक किया जाता है. यह संहिता चुनाव के नियमों और मानदंडों के अनुसार चुनावी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने में मदद करती है और चुनाव को न्यायिक, निष्पक्ष, और संविधानिक रूप से आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के अंतिम चरण में निर्वाचन आयोग की टीम ने राजस्थान का दौरा किया. साथ टीम ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम और तेलंगाना का भी दौरा वहां की राजनैतिक पार्टियों का सुझाव ले सुकी है.
ADVERTISEMENT