कांग्रेस का राहत कैंप नहीं चुनावी प्रचार शिविर है, सिर्फ ढिंढोरा पीट रहे हैं – बीजेपी MLA रामलाल शर्मा

Rajasthan: प्रदेश में चुनावी साल के बीच सीएम गहलोत ने आज मंहगाई राहत कैंप का शुभारंभ किया है. इस दौरान सरकार की कई योजनाओं का लाभ वंचित लोगों को दिया जाएगा. वहीं सरकार के इस कदम से बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी ने इसे राहत शिविर के बजाय चुनावी प्रचार शिविर करार दिया है. […]

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विशाल शर्मा

24 Apr 2023 (अपडेटेड: 24 Apr 2023, 09:19 AM)

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Rajasthan: प्रदेश में चुनावी साल के बीच सीएम गहलोत ने आज मंहगाई राहत कैंप का शुभारंभ किया है. इस दौरान सरकार की कई योजनाओं का लाभ वंचित लोगों को दिया जाएगा. वहीं सरकार के इस कदम से बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी ने इसे राहत शिविर के बजाय चुनावी प्रचार शिविर करार दिया है.

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बीजेपी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान के अंदर कांग्रेस सरकार के द्वारा महंगाई राहत शिविर का आयोजन आज से किया गया है, लेकिन ये महंगाई राहत शिविर नहीं है ये कांग्रेस के प्रचार का एक तरीका है और इन कैंपों के दौरान राजस्थान की जनता के द्वारा टैक्स के रूप में दी गई राशि का दुरुपयोग करने का काम किया जा रहा है.

गहलोत सरकार के राहत कैंप पर हमला बोलते हुए विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि इस कैंप से सिर्फ जनता को सिर्फ परेशान करने का काम किया जा रहा है. 40 डिग्री तापमान में आम जनता को बोला जा रहा है कि आप आइए और हमारी योजनाओं का रजिस्ट्रेशन करवाने का काम कीजिए, जबकि सरकार की योजनाओं का रजिस्ट्रेशन तो पहले ही हो चुका है. इन योजनाओं पर रजिस्ट्रेशन हुआ तभी तो जनता को योजनाओं का लाभ देने का काम किया जा रहा है. जब बिजली के बिलों की सब्सिडी 2018 से भाजपा की तत्कालीन सरकार में बिजली के बिलों में सब्सिडी योजना लागू की गई थी, उसी समय बिलों में सब्सिडी योजना दी जा रही थी. तो अब दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाने का काम किया जा रहा है.

इस दौरान प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा सरकार कह रही है कि उज्जवला योजना के अंदर भी हम सब्सिडी देने का काम करेंगे, तो उज्ज्वला योजना के कनेक्शनों की सूची और उपभोक्ताओं के खाता संख्या आपके पास है तो आप सीधा उनके अकाउंट के अंदर पैसा भेजने का काम कीजिए. साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी बढ़ोतरी की है जिसने पांच सौ रुपये से साढ़े सात सौ रुपए जब हुए थे तब भी तो उनके अकाउंट के अंदर साढ़े सात सौ रुपए जाना शुरू हो गए थे और अब आप एक हजार रुपए देने की मानसिकता बना रहे हो तो उनके अकाउंट में भेजने का भी काम करो.

शर्मा ने कहा इसका ढिंढोरा पीटने की क्या आवश्यकता है. सिर्फ सरकार द्वारा जनता को परेशान करना, इसके इतर यह बात कि आप शिविर तो लगा रहे हो लेकिन शिविरों के अंदर सरपंच मौजूद नहीं है, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, एलडीसी, यूडीसी शिविरों में मौजूद नहीं है, तो आखिरकार जनता का काम करेगा कौन करेगा.

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