कांग्रेस विधायक ने घर के बाहर लगाया ‘गृहमंत्री मुर्दाबाद’ का पोस्टर, तीन वर्ष ने नहीं गए विधानसभा

Kota News: कोटा से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर (Bharat Singh Kundanpur) एक बार फिर चर्चाओं में हैं. वजह है उनके घर के बाहर लगे सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पोस्टर. भरत सिंह ने अपने घर के बाहर पोस्टर लगाया है जिसके बाद वह चर्चाओं में आ गए हैं.  पोस्टर में लिखा है- अशोक गहलोत […]

कांग्रेस विधायक ने घर के बाद लगाया 'गृहमंत्री मुर्दाबाद' का पोस्टर, तीन वर्ष ने नहीं गए विधानसभा
कांग्रेस विधायक ने घर के बाद लगाया 'गृहमंत्री मुर्दाबाद' का पोस्टर, तीन वर्ष ने नहीं गए विधानसभा

चेतन गुर्जर

02 Sep 2023 (अपडेटेड: 02 Sep 2023, 11:37 AM)

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Kota News: कोटा से विधायक भरत सिंह कुंदनपुर (Bharat Singh Kundanpur) एक बार फिर चर्चाओं में हैं. वजह है उनके घर के बाहर लगे सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के पोस्टर. भरत सिंह ने अपने घर के बाहर पोस्टर लगाया है जिसके बाद वह चर्चाओं में आ गए हैं.  पोस्टर में लिखा है- अशोक गहलोत जिंदाबाद, गृहमंत्री मुर्दाबाद. विधायक भरत सिंह अक्सर चिट्ठियां लिखते रहते हैं. इसके अलावा भरत सिंह कुंदनपुर को चिट्ठियों के साथ पोस्टर लिखने के लिए भी जाना जाता है. कुछ दिन पहले उन्होंने बारां के विधायक प्रमोद भाया के लिए अपने घर के बाहर पोस्टर लगा रखा था, जिसमें उन्होंने कई लाइनें लिखकर उनका विरोध किया था.

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अब भरत सिंह कुंदनपुर के घर के सामने जो पोस्टर लगा हुआ है उसमें मुख्यमंत्री जिंदाबाद और गृहमंत्री मुर्दाबाद लिखा हुआ है. भरतसिंह का मानना है कि गृह मंत्री और मुख्यमंत्री व्यक्ति एक ही है और अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अच्छे काम किए हैं लेकिन गृहमंत्री के तौर पर अच्छे काम नहीं किए. इसलिए घर के बाहर मुख्यमंत्री जिंदाबाद लिखवाया गृहमंत्री मुर्दाबाद लिखवाया है.

भरत सिंह कुंदनपुर ने बताया कि अगर सीएम अशोक गहलोत कोटा आएंगे तो मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे तो लगाऊंगा लेकिन साथ में गृहमंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाने की बात कही है. आपको बता दें भरत सिंह कुंदनपुर लगातार तीन वर्ष तक विधानसभा नहीं पहुंचे. कई बातों को लेकर वह मुख्यमंत्री से नाराज थे और अभी भी उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है.

क्या है नाराजगी का कारण

विधायक भरतसिंह अक्सर भ्रष्टाचार को लेकर सीएम गहलोत को चिट्ठियां लिखते रहते हैं. भरतसिंह की मुख्य रूप से नाराजगी है कि बारां जिले के एक गांव ‘खान की झोपड़ियों’ को कोटा में सम्मिलित करने को लेकर है. लेकिन वह मांग उनकी पूरी नहीं हो पाई है. इसके अलावा वह मंत्री प्रमोद भाया को मुख्यमंत्री के द्वारा संरक्षण देने के आरोप भी लगाते रहे हैं. प्रमोद भाया पर कार्रवाई न करने को लेकर भी वह नाराज हैं.

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