राजस्थान में मई के महीने में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. फलोदी में पारा 50 डिग्री के पार पहुंच गया तो सरहदी इलाकों में पारा 56 डिग्री तक पहुंच गया. प्रदेश के कई हिस्सों में लू के चलते लोगों की मौत की खबर भी आई. हालांकि अब इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस का आरोप है कि गर्मी के चलते जान गंवाने वाले मृतकों के आंकड़ों को बीजेपी (BJP) सरकार छुपा रहा है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि सरकार इन मृतकों के परिवार को मुआवजा नहीं देना चाहती, इसलिए ऐसा किया जा रहा है. इससे पहले भी कांग्रेस की ओर से राजस्थान में कुप्रबंधन के आरोप लगाए गए.
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया है कि भीषण गर्मी और हीट वेव के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही भाजपा सरकार अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुआवजा देने से बचने के लिए मौत के आंकड़े छिपाने का पाप कर रही है.
डोटासरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा "SMS अस्पताल से चौंकाने वाली सूचना है, जहां हीट वेव से मौत के बाद करीब 40 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में हैं. हर दिन करीब 20-25 अज्ञात लोगों के शव मोर्चरी में आ रहे हैं. लेकिन सरकार मुआवजा देने से बचने के लिए मौत के अलग-अलग कारण बताकर 3 दिन के भीतर पोस्टमार्टम करके मामलों को निपटा रही है."
"पूरे प्रदेश में हालात चिंताजनक"
पीसीसी चीफ ने कहा कि जबकि अज्ञात शव की शिनाख़्त, पुलिस की कार्रवाई, परिवार को ढूंढने और समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित करने की प्रक्रिया में करीब 7 दिन लग जाते हैं. जिसके पश्चात डेड बॉडी को डिस्पोज किया जाता है. बीजेपी सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि ये आंकड़े सिर्फ SMS अस्पताल के हैं, पूरे प्रदेश के हालात भयावह एवं चिंताजनक है. सरकार सिर्फ 5 लोगों की हीट वेव से मौत बता रही है, जबकि सच्चाई ये है कि प्रदेश में भयंकर गर्मी और हीट वेव से मौतों का आंकड़ा बेहद डरावना है.
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