Rajasthan News: राजस्थान के करौली में चंबल नदी में घात लगाकर बैठे मगरमच्छ ने एक पशुपालक पर हमला बोल दिया. जब पशुपालक नदी किनारे पानी भर रहा था तभी मगरमच्छ ने उसका हाथ जबड़े में जकड़ लिया. पशुपालक ने अपनी सूझबूझ से ऐसी तरकीब अपनाई कि मगरमच्छ उसे छोड़कर वापस पानी के अंदर जाकर छिप गया.
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दरअसल, पूरा मामला करौली जिले के करणपुर थानातर्गत चंबल नदी के किनारे बसे सिमार गांव का है. शुक्रवार को 45 वर्षीय सिमारा निवासी पशुपालक जगदीश अपनी भेड़ों को चराने के लिए चंबल के किनारे गया था. सुबह करीब 11 बजे वह अपनी पत्नी और आठ साल के बेटी के साथ खाना खा रहे थे. खाना खाने के बाद वह जैसे ही पानी लेने के लिए चंबल किनारे गया तो मगरमच्छ ने हमला बोल दिया.
पशुपालक ने ऐसे बचाई अपनी जान
जब मगरमच्छ ने पशुपालक के हाथ को अपने जबड़े में जकड़ लिया तो उसे याद आया कि मगरमच्छ की आंख पर हमला करने से वह शिकार को छोड़ देता है. इसलिए वह खुद को बचाने के लिए करीब 10 मिनट तक मगरमच्छ से ही जंग लड़ता रहा. पशुपालक का एक हाथ मगरमच्छ के जबड़े में तो दूसरे हाथ के वह लगातार उसे मुक्के मारता रहा. डर के कारण उल्टा मगरमच्छ ही जबड़े से उसका हाथ छोड़कर वहां से चला गया.
‘8 साल की मासूम बच्ची पापा-पापा चिल्लाती रही’
‘आज तक’ की टीम को आंखों देखी घटना के बारे में घायल जगदीश मीना की पत्नी लखनवाई ने बताया कि रोज की तरह पति को खाना लेकर चंबल पर गई थी. सोचा कि पति भूखे होंगे इसलिए खाना जल्दी लेकर पहुंच गई. चंबल में पानी पीते ही मेरी आंखों के सामने देखते ही देखते मगरमच्छ पति को गहरे पानी में ले गया. मेरी आठ साल की बेटी पिंकी पापा-पापा चिल्लाती रही. मैं जोर जोर से शोर मचाकर बचाने की आवाज लगाती रही लेकिन कोई आगे नहीं आया. मेरा पति मगरमच्छ की आंख पर मुक्के मारता रहा जिससे डरकर मगरमच्छ ने उसे छोड़ दिया.
इस बीच शोर-शराबा सुनकर पशुपालक की पत्नी और बेटी दौड़कर किनारे पर आए और हाथ को कपड़े से बांधकर उसे मंडरायल अस्पताल ले गए जहां पर चिकित्सकों ने उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी. वहीं घायल पशुपालक की ओर से करणपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दी गई है.
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