भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिजनों के लिए महाराणा प्रताप के वंशज ने कही ये बात, जानें

Rajasthan News: उदयपुर के प्रताप स्मारक में शनिवार को युद्ध टैंक टी-55 का उद्घाटन किया गया. इस दौरान महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिजनों को सम्मानित किया. उन्होंने अमर शहीदों और उनके परिजनों की जमकर तारीफ की. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र और […]

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राजस्थान तक

• 05:29 PM • 06 May 2023

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Rajasthan News: उदयपुर के प्रताप स्मारक में शनिवार को युद्ध टैंक टी-55 का उद्घाटन किया गया. इस दौरान महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिजनों को सम्मानित किया. उन्होंने अमर शहीदों और उनके परिजनों की जमकर तारीफ की. कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र और लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

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गौरतलब है कि राज्यपाल कलराज सिंह ने शनिवार को भारतीय सेना के युद्ध टैंक टी-55 का महाराणा प्रताप स्मारक मोती मगरी पर उद्घाटन किया. युद्ध टैंक टी-55 के उद्घाटन समारोह में डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने शहीद भगत सिंह के भाई कुलतार सिंह के बेटे किरणजीत सिंह संधू, शहीद सुखदेव के चचेरे भाई जयदेव के पौत्र अनुज थापर और शहीद शिवराम राजगुरु के भाई दिनकर राव के पौत्र सत्यशील राजगुरु को नवाजा.

डॉ. लक्ष्यराज सिंह बोले: आज मेवाड़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और समिति अध्यक्ष डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ के वीर-वीरांगनाओं के साथ-साथ यहां के पशुओं ने भी अपनी मातृभूमि के स्वाभिमान के लिए बलिदान दिए हैं. हाथी रामप्रसाद और घोड़ा चेतक इसका जीवंत प्रमाण है. ये उस समय किसी युद्ध टैंक से कम नहीं थे. डॉ. मेवाड़ ने कहा कि भारत माता के वीर सपूत शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के परिजनों को सम्मानित कर आज मेवाड़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है. शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को सिर्फ उनकी जयंती और शहीद दिवस ही नहीं, बल्कि साल के हर दिन उनकी शहादत को नमन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युद्ध टैंक टी-55 सेना के अदम्य सौर्य से हमारी भावी पीढ़ी को रूबरू करवाता रहेगा.

मैं प्रताप को देश का पहला स्वतंत्रता सेनानी मानता हूं: राज्यपाल
कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महाराणा प्रताप ने आज से करीब 450 साल पूर्व स्वतंत्रता शब्द को जन्म दिया. मैं महाराणा प्रताप को देश का पहला स्वतंत्रता सेनानी मानता हूं क्योंकि उन्होंने उस विषम दौर में भी अकबर से मुकाबला किया और हर युद्ध में हर बार मुंहतोड़ जवाब देकर विजेता बने.

इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल जय सिंह नैन ने कहा कि कहा कि मेवाड़ के वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं ने मातृभूमि की आन, बान, शान के लिए कुर्बानियां दीं. आज मेवाड़ के राजवंश द्वारा सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह के परिजनों को सम्मानित करना काबिले तारीफ है. आप सबका यहां इकट्ठा होना पुरानी यादों को ताजा करना है.

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