28 लाख की नौकरी वाले प्रयागराज के MBA ग्रेजुएट देवेंद्र ने गलत तरीके से कमाए 400 करोड़, इस गलती के कारण नपा

Bharatpur: भरतपुर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसने भोले-भाले लोगों को लगभग ₹400 करोड़ का चूना लगाया है. इस गिरोह के तार एक एमबीए ग्रेजुएट से जुड़े हैं.

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न्यूज तक

• 11:22 AM • 31 May 2025

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Bharatpur: भरतपुर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसने भोले-भाले लोगों को लगभग ₹400 करोड़ का चूना लगाया है. इस गिरोह के तार एक एमबीए ग्रेजुएट से जुड़े हैं जो ₹28 लाख के सालाना पैकेज पर एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करता था.

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उच्च शिक्षित अपराधियों का खेल

गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपियों में से एक इलाहाबाद निवासी देवेंद्र ने एमबीए की डिग्री ली थी और एक प्रतिष्ठित कंपनी में शानदार नौकरी कर रहा था. वहीं, गिरोह का कथित सरगना शशि, एक आईआईटी स्नातक है जो खुद भी एक बड़ी कंपनी में कार्यरत था. बचपन के दोस्त होने के कारण, दोनों शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा अव्वल रहे, लेकिन उन्होंने अपनी कुशाग्र बुद्धि का इस्तेमाल गलत काम में किया.

फर्जी कंपनियों का जाल

पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में फर्जी कंपनियां खोली थीं. इन कंपनियों के माध्यम से, वे लोगों को गेमिंग, निवेश योजनाओं और शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देते थे. लोगों को सब्जबाग दिखाकर, यह गिरोह उनसे करोड़ों रुपये ठगता रहा. पिछले चार महीनों में ही, इन फर्जी कंपनियों के बैंक खातों से लगभग ₹400 करोड़ का लेनदेन हुआ है, जो ठगी के बड़े पैमाने को दर्शाता है.

ऐसे हुआ खुलासा

इस बड़े खुलासे की शुरुआत धौलपुर साइबर थाने में दर्ज एक शिकायत से हुई. हरी सिंह नामक एक व्यक्ति ने ₹14 लाख की ठगी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच के दौरान, पुलिस को फिनो बैंक के एक ऐसे खाते का पता चला जिसके खिलाफ पहले से ही 3,000 से अधिक शिकायतें दर्ज थीं. इसी कड़ी को जोड़ते हुए पुलिस इस ₹400 करोड़ के साइबर ठगी गिरोह तक पहुंच पाई.

पुलिस ने इस मामले में रविंद्र सिंह, दिनेश सिंह और उसकी पत्नी कुमकुम को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी शशि फिलहाल फरार है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.

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