भाला खरीदने के नहीं थे पैसे फिर भी देवेंद्र बने पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट, अब BJP ने दिया सांसद का टिकट

Who is Devendra Jhajharia: साल 2008 में करंट के एक झटने ने झाझड़िया का एक हाथ छीन लिया, लेकिन अपने संघर्ष भरे सफर में उन्होंने देश को कई बार गौरवान्वित किया.

NewsTak

विशाल शर्मा

05 Mar 2024 (अपडेटेड: 05 Mar 2024, 03:25 PM)

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Who is Devendra Jhajharia: भारत को पैरा ओलंपिक खेलों में 2 स्वर्ण पदक दिलाने वाले एक मात्र खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी ने राजस्थान की चूरू लोकसभा सीट पर उन्हें प्रत्याशी बनाया है. इसके लिए बीजेपी ने दो बार के सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर देवेंद्र झाझड़िया के एक हाथ में टिकट थमाया है. 

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साल 2008 में करंट के एक झटने ने झाझड़िया (devendra jhajharia) का एक हाथ छीन लिया, लेकिन अपने संघर्ष भरे सफर में उन्होंने देश को कई बार गौरवान्वित किया. हालांकि एक शुरूआती दिनों में भाला और जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे, लेकिन आज भाजपा ने उन्हें सांसद का टिकट दे दिया है. टिकट मिलने के बाद चूरू की जनता के लिए झाझड़िया ने कई प्राथमिकताएं गिनाईं और इस बार के लोकसभा चुनाव में 400 पार का दम भी भरा है. हालांकि इस लोकसभा सीट पर पार्टी के नाराज नेताओं से पार पाना बड़ी चुनौती होगी.

इधर टिकट कटने से नाराज बीजेपी सांसद राहुल कस्वां ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भड़ास निकाली है. चूरू से वर्तमान सांसद राहुल कस्वां ने बीजेपी नेतृत्व से सवाल करते हुए लिखा कि 'आखिर मेरा गुनाह क्या था...? क्या मैं ईमानदार नहीं था ? क्या मैं मेहनती नहीं था ? क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ? मा. प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था। और क्या चाहिए था ? उन्होंने आगे लिखा कि 'जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे। कोई इसका उत्तर नही दे पा रहा। शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं...

ऐसे में राहुल कस्वां (rahul kaswan) की नाराजगी को लेकर बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि पार्टी में कोई नाराज नहीं है. सब खुश हैं और हमारा जो विजन है अबकी बार 400 पार. इसके लिए चूरू की जनता का काम करने का अवसर मिला है तो मैं काम करूंगा.

विधानसभा चुनाव में हुई थी राठौड़ से अदावत?

विधानसभा चुनाव में तारानगर सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) चुनाव हार गए थे. राठौड़ ने राहुल कस्ंवा का नाम लिए बिना कहा था कि जयचंदों की वजह से विधानसभा का चुनाव हारे हैं. राठौड़ के बयान के बाद राहुल का बयान भी सामने आया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि राजेंद्र राठौड़ ने मेरा नाम नहीं लिया है. माना जा रहा है कि इस अदावत की वजह से भी ही राहुल का टिकट काट दिया गया है. 

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