धौलपुर: आजीवन कारावास की सजा काट रहे कांग्रेस MLA शोभारानी कुशवाहा के पति को सुप्रीम कोर्ट से राहत

बनवारी लाल कुशवाहा को चर्चित नरेश कुशवाह हत्याकांड में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.

NewsTak

Umesh Mishra

• 07:27 PM • 15 Mar 2024

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धौलपुर (Dholpur news) विधानसभा क्षेत्र की कांग्रेस की विधायक शोभारानी कुशवाहा (Shobharani kushwaha) के पति और पूर्व विधायक बनवारीलाल कुशवाहा (Banwari lal kushwaha) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आजीवन कारावास की सजा काट रहे बनवारीलाल कुशवाहा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. साल 2012 में हत्या के षड्यंत्र के मामले में धौलपुर जिले के एडीजे कोर्ट ने पूर्व विधायक बनवारीलाल कुशवाह को साल 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 

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धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा के देवर उपेंद्र कुशवाहा ने फोन पर जानकारी देकर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को पूर्व विधायक बनवारीलाल कुशवाहा को हत्या के मामले में जमानत दे दी है. वर्तमान समय में बनवारीलाल कुशवाहा भरतपुर जिले की सेवर जेल में बंद हैं.

बता दें कि बनवारीलाल कुशवाहा ने साल 2013 में धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से बीएसपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था और विधायक बने थे. बनवारीलाल कुशवाहा ने कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री बनवारीलाल शर्मा को शिकस्त देकर कांग्रेस से यह सीट छीनी थी. बनवारीलाल कुशवाहा के विधायक बनने के बाद नरेश हत्याकांड का मामला सुर्ख़ियों में आया था. बीजेपी को बनवारी लाल कुशवाह की जीत बर्दाश्त नहीं हुई और वसुंधरा राजे सरकार के दौरान बीजेपी के पदाधिकारियों ने बनवारी लाल कुशवाह के खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में ज्ञापन देकर उच्च स्तरीय जांच कराई. 

14 अक्टूबर 2014 हुए गिरफ्तार

14 अक्टूबर 2014 को सीआईडी सीबी ने जयपुर में बनवारी लाल कुशवाहा को गिरफ्तार किया. आठ दिसंबर,2016 को जिला एवं सत्र अदालत ने धौलपुर के चर्चित नरेश कुशवाह हत्याकांड में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद 13 दिसंबर 2016 को राजस्थान विधान सभा सचिवालय द्वारा बनवारी लाल कुशवाह की सदस्यता समाप्त कर दी गई. वसुंधरा सरकार में ही बनवारी लाल कुशवाह जेल चले गए थे और उसके बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बनवारी लाल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह को बीजेपी में शामिल कर 9 अप्रैल 2017 में हुए उप चुनाव में विधायक बनाया, क्योंकि उप चुनाव शोभारानी ने नहीं लड़ था, बल्कि पूर्व सीएम राजे ने खुद चुनाव लड़ा था.

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